नए साल पर पाकिस्तान को लगेगा बड़ा झटका, अमेरिका ने आर्थिक मदद करने से किया मना
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंध आतंकवाद को लेकर लंबे समय से तनावपूर्ण बना हुआ है लेकिन कनेडियन कपल के आतंकी संगठनों द्वारा पाक की सरजमी पर रखे जाने और अपहरण किए जाने के बाद मामला और बढ़ गया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने तभी घोषणा की थी कि पाकिस्तान अराजकता, हिंसा और आतंकवाद फैलाने वाले लोगों को पनाहगाह देता रहा है। बता दें की अमेरिका पाकिस्तान को 2002 से अभी तक 33 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता दे चुका है वहीं अगस्त में अमेरिका ने पाकिस्तान को 255 मिलियन डॉलर की सहायता को रोक लिया था। अमेरिका ने अगस्त में कहा था कि जब तक पाकिस्तान आतंकवादी समूहों के खिलाफ और अधिक कार्रवाई नहीं करता, तब तक वह 25 करोड़ 50 लाख डॉलर की धनराशि रोक रहा है।
बता दें कि पाकिस्तान ने अपहृत कनाडाई अमेरिकी परिवार से संपर्क करने से मना कर दिया था जिसके बाद तल्खी दोनों देशों के बीच और बढ़ गई थी ये बात अलग है कि परिवार को इसी साल छुड़ा लिया गया है। न्यू यॉर्क टाइम्स ने अपनी खबर में लिखा है कि अब ट्रंप प्रशासन इस बात पर गंभीरता से विचार कर रहा है कि उसे दी जाने वाली सहायता राशि रोकी जानी चाहिए।
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान में चल रहे सत्ता विरोधी प्रदर्शन का भी समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि ईरान की जनता देश में व्याप्त भ्रष्टाचार और आतंकवाद को प्रश्रय देने की नीतियों की खिलाफत कर रही है। ऐसे में यह ईरानी सरकार की जिम्मेदारी है कि वो लोगों की भावनाओं का सम्मान करे। इस समय पूरी दुनिया की निगाहें इस विरोध प्रदर्शन पर है।
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर कहा है कि ईरानी सरकार देश की संपत्ति को आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने आगे लिखा कि ईरानी सरकार को ईरानी लोगों की धारणाओं का आदर करना चाहिए। पूरी दुनिया उन्हें देख रही है।
पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगाह रहा है और भारत शुरु से ही पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों पर सवाल उठाता रहा है।