आधार ने छीन ली कारगिल शहीद की विधवा की जान, थापर बोले- इससे सेना का गीरा मनोबल


सोनीपत जिले के गांव महलाना निवासी कारगिल शहीद लक्ष्मण दास की वीरांगना शकुंतला को हार्ट की बीमारी थी। बेटा इलाज के लिए अस्पताल की मिन्नतें करता रहा। अस्पताल प्रबंधन आधार कार्ड जमा करवाने पर ही अड़ा रहा। अस्पताल प्रबंधन की जिद्द के चलते मां-बेटे डिस्पेंसरी से घर के चक्कर लगाते रहे। इस बीच शहीद की विधवा ने दम तोड़ दिया। शहीद के बेटे पवन ने बताया कि रविवार को मां की तेरहवीं की रस्म पूरी करने के बाद पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज करवाने की मांग करेंगे। वहीं सरकार और विभाग ने शहीद की विधवा की मौत के दो दिन बाद भी मामले का संज्ञान नहीं लिया। जबकि निजी अस्पताल के इस रवैये का वीडियो वायरल हो चुका है।
कारगिल युद्ध में शहीद हुए मेजर सीबी द्विवेदी की बेटी इस घटना के बाद अपने परिवार को लेकर डर गई हैं। उन्होंने कहा है कि, ‘मुझे यकीन नहीं हो रहा कि ऐसी घटना हुई है। इससे मैं अपने परिवार के बारे में सोचकर डर गई हूं। ईसीएचएस के फायदे हैं लेकिन इसे आधार कार्ड से जोड़ना और इसकी एक कॉपी प्रस्तुत करना हास्यास्पद है।’
दो घंटे तक मां को लेकर घूमता रहा पवन
पवन ने बताया कि वह अपनी मां को अस्पताल से लेकर वापस डिस्पेंसरी पहुंचा था। वहां से दिल्ली के लिए रेफरल कागजात तैयार कराए थे। वहां से आधार कार्ड की कॉपी लेने के लिए वह अपने घर पहुंचा। जहां पर उसकी मां की हालत ज्यादा बिगड़ चुकी थी। उसके बाद वह उसे लेकर सोनीपत के हांडा अस्पताल में पहुंचे थे। हालांकि तब तक उनकी मां मौत हो चुकी थी।