भड़के जनरल रावत, बोले- आतंकवादियों का साथ देना बंद करे पाक

भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन सिंह रावत ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता तभी हो सकती है, जब वह जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवादियों का साथ देना बंद कर दे। पर पाकिस्तान की करतूतों से नहीं लगता कि पाकिस्तान सच में शांति वार्ता चाहता है।
थार में दक्षिणी कमांड के सैन्य अभ्यास ‘हमेशा विजयी’ को देखने के लिए रावत पश्चिम सेक्टर में मौजूद थे। यह इलाका बाड़मेर से लगती भारत-पाकिस्तान सीमा के नजदीक है। रावत ने कहा, पाकिस्तान को आतंकियों का समर्थन बंद करना चाहिए। तभी हम कह सकते हैं कि शांति वार्ता शुरू होनी चाहिए, लेकिन उसके जिस तरह के काम होते हैं और जम्मू एवं कश्मीर में आतंकवाद फैल रहा है। लगता नहीं है कि वे वास्तविकता में शांति चाहते हैं।

जनरल ने आगे कहा, सेना, अर्द्धसैनिक बल और जम्मू एवं कश्मीर पुलिस मिलकर आतंकियों के खिलाफ सफलतापूर्वक कार्रवाई कर रहे हैं और यह जारी रहेगा। रावत की यह टिप्पणी भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार के बयान के एक दिन बाद आई है।

जनरल ने आगे कहा, सेना, अर्द्धसैनिक बल और जम्मू एवं कश्मीर पुलिस मिलकर आतंकियों के खिलाफ सफलतापूर्वक कार्रवाई कर रहे हैं और यह जारी रहेगा। रावत की यह टिप्पणी भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रविश कुमार के बयान के एक दिन बाद आई है।
रविश ने कहा था कि भारत पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध चाहता है, अगर इस्लामाबाद आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करे। पाकिस्तान को हमारी मुख्य चिंता को समझना चाहिए जो कि आतंकवाद है। हम पाकिस्तान से फिर कहना चाहते हैं कि वह अपनी जमीन पर सक्रिय आतंकियों पर कार्रवाई करे। यह उन्हें करना होगा, अगर वह भारत से दोस्ती चाहते हैं।
यह सभी बयान पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के उस कथन के बाद आए हैं, जिसमें उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बेहतर रिश्तों को समर्थन देने की बात कही थी। बाजवा ने कहा था, अगर पाकिस्तान की सरकार भारत के साथ बातचीत करके मुद्दे सुलझाना चाहती है, तो वे उस कदम का समर्थन करेंगे।