अब अंधविश्वास तोड़ेंगे CM योगी, अखिलेश-माया या कोई और नही ले सकता था ये रिस्क

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लंबे समय से चले आ रहे एक अंधविश्वास को तोड़ने जा रहे हैं. इसके लिए वो 25 दिसंबर को नोएडा का दौरा करेंगे. दरअसल, यह अंधविश्वास है कि अगर उत्तर प्रदेश का कोई मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा का दौरा करता है, तो उसको कुर्सी गंवानी पड़ती है. इसके चलते अखिलेश यादव और आखिरी बार मुख्यमंत्री रहने के दौरान मायावती ने यहां का दौरा करने से किनारा काटा था.

अब अंधविश्वास तोड़ेंगे CM योगी, अखिलेश-माया या कोई और नही ले सकता था ये रिस्कसमाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए पूरे पांच साल तक नोएडा में कदम तक नहीं रखा. यूपी की सियासत में यह भी भ्रम है कि सत्ता में रहते हुए जिस सीएम के कदम नोएडा में पड़े हैं, वो दोबारा से सत्ता में वापसी नहीं कर सके. अखिलेश से लेकर मायावती और मुलायम सिंह तक ने इस अंधविश्वास को तोड़ने की जहमत नहीं दिखाई. इतना ही नहीं, बीजेपी नेता राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह ने भी यूपी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान इस अंधविश्वास में फंसे रहे और नोएडा में कदम तक नहीं रखा.

हालांकि अब उत्तर प्रदेश के मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस अंधविश्वास को धता बताते हुए नोएडा आने का फैसला किया है. इसके साथ ही वो यह भी साबित कर देंगे कि वो नई सोच और युवा सोच के नेता हैं. योगी आदित्यनाथ 25 दिसंबर को नोएडा पहुंच रहे हैं. यहां वो मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे. ये मेट्रो नोएडा के बोटेनिकल गार्डन से दिल्ली के कालकाजी तक जाएगी. दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस नई मेट्रो लाइन के उद्घाटन समारोह में शामिल होंगे.

यूपी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान वीर बहादुर सिंह ने नोएडा का दौरा किया था, जिसके कुछ दिन बाद जून 1988 को उनकी कुर्सी चली गई थी. इसके बाद बहुजन समाज पार्टी सुप्रीम मायावती ने इस अंधविश्वास को तोड़ते हुए नोएडा का दौरा किया था, लेकिन उसके बाद साल 2012 में उनको विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद से वह दोबारा सत्ता में नहीं आईं. इससे यह अंधविश्वास और मजबूत हो गया था.

अखिलेश यादव समेत तमाम मुख्यमंत्री इसी टोटके के डर से नोएडा आने से कतराते रहे हैं. हालांकि इस बार अखिलेश ने वादा किया कि अगर 2017 में उनकी सरकार बनती है, तो वो नोएडा जरूर आएंगे, लेकिन सीएम अपने वादे पर खरे नहीं उतर सके. उन्होंने पांच साल तक सत्ता में रहते हुए एक बार भी नोएडा में कदम नहीं रखा. इसके बावजूद 2017 के विधानसभा चुनाव में वो अपनी सत्ता को बरकरार नहीं रख सके.

मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड की अहम परियोजनाओं समेत 11 प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दिखाई. इसके लिए उन्होंने जगह चुनी 5, कालीदास मार्ग, लखनऊ यानी मुख्यमंत्री निवास.

कब-कब नहीं आए अखिलेश

– 30 नवंबर 2016: अखि‍लेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में स्थापित किए जा रहे पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क प्राइवेट लिमिटेड नोएडा का शिलान्यास किया. अखिलेश ने इसके लिए नोएडा नहीं आए, बल्कि लखनऊ से ही इसका उद्घाटन किया.

– 22 अगस्त 2016: अखि‍लेश यादव ने लखनऊ स्थ‍ित अपने सरकारी आवास से ही नोएडा स्थ‍ित बेनिट यूनिवर्सिटी का उद्घाटन किया.

– 20 अप्रैल 2016: अखिलेश यादव ग्रेटर नोएडा में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कार्यक्रम में शि‍रकत करने नहीं आए. राष्ट्रपति ने इंडिया एक्सपो सेंटर में ग्लोबल एक्जीबिशन सर्विसेज के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया था.

– 5 अप्रैल 2016: अखि‍लेश यादव नोएडा के सेक्टर- 62 में पीएम मोदी के कार्यक्रम ‘स्टैंड अप इंडिया’ में नहीं शामिल हुए.

– 31 दिसंबर 2015: नोएडा में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस के उद्घाटन मौके पर अखिलेश नहीं आए. उस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पीएम नरेंद्र मोदी थे. अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर तत्कालीन मंत्री कैलाश यादव को उस कार्यक्रम में शरीक होने के लिए भेजा था.

– 4 अक्टूबर 2015: नोएडा के दादरी इलाके में बिसाहड़ा गांव में गोमांस की अफवाह के बाद मारे गए अखलाक के परिजनों से अखिलेश यादव लखनऊ स्थ‍ित अपने सरकारी आवास पर मिले थे, लेकिन इतनी बड़ी घटना के बावजूद वो नोएडा नहीं आए.

– 2 अप्रैल 2013: अखिलेश ने गौतम बुद्ध नगर में तमाम परियोजनाओं का उद्घाटन किया, लेकिन नोएडा नहीं आए.

– अगस्त 2012: अखिलेश यादव ने लखनऊ से ही यमुना एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया और नोएडा नहीं आए.

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