इस डॉन के बारे में कोई नहीं जानता होगा लेकिन इसने ही दाउद को बीच सड़क पर गिरा-गिरा कर मारा था आज भी…
इस दुनिया के कई कौने में ऐसे-ऐसे डॉन हुआ करते थे जिनके किस्सों के चर्चे आज भी हुआ करते हैंl डॉन एक ऐसा नाम है जो अगर किसी के नाम के साथ जुड़ जाए तो वो अपने आप में बहुत ताकतवर इंसान बन जाता हैl हम सभी ने कई ऐसे डॉन के बारे में सुना होगा जो गरीब और जरुरतमंद लोगों की मदद किया करते थे और उनमे में से कई ऐसे डॉन भी थे जो लोगों को डरा-धमकाकर उनसे पैसे लूटा करते थे और उनका काम लोगों को परेशान करना और खून-खराबा करना थाl
लेकिन अब समय पहले से बिल्कुल बदल चुका है अब क़ानून पहले से काफी मजबूत हो चुका है और इसीलिए डॉन नाम का डर अब लोगों के अन्दर नहीं रहा हैl लेकिन अभी भी एक ऐसा नाम है जिसके बारे में सुनकर आज भी लोगों के कान खड़े हो जाते हैं और सबसे हैरानी की बात ये है की ये डॉन अभी भी जिंदा है और कई देशों की पुलिस आज तक इसका पीछा कर रही हैl उस डॉन का नाम है दाउद इब्राहिमl दाउद का नाम सुनते ही लोगों के कान खड़े हो जाते हैंl
लेकिन क्या आप इस बात को जानते हैं कि दाउद से बड़ा एक और डॉन हुआ करता था जो की हमारे ही देश का थाl इस डॉन का नाम सुनकर दाउद भी थर-थर काँपता था क्योंकि इस डॉन ने एक बार दाउद को घसीट-घसीट कर पीटा थाl जिसका जिक्र करने पर आज भी दाउद सहम जाता हैl इस डॉन के बारे में कहा जाता है कि ये डॉन मुंबई के अंडरवर्ल्ड का पहला डॉन थाl जिसका सबसे ताकतवर डॉन के नाम से आज भी जाना जाता हैl सबसे हैरान करने वाली बात ये है की इस माफिया डॉन के आगे हाजी मस्तान मिर्जा भी सर झुकाता थाl
जिस डॉन के बारे में हम बात कर रहे हैं उस डॉन का असली नाम अब्दुल करीम शेर खान जिसे ज्यादातर लोग करीम लाला के नाम से जानते थेl इस व्यक्ति के बारे में कहा जाता है कि ये इंसान गरीबों के लिए मसीहा थाl इसका जन्म अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में वर्ष 1911 में हुआ थाl इसका जन्म हुआ तो अफगानिस्तान में हुआ था लेकिन कामयाबी हासिल करने के लिए इसने अपना रुख भारत की तरफ किया थाl लाला ने 21 साल की उम्र में मुम्बई जाकर अपना कारोबार शुरू किया था ये कारोबार तो केवल एक दिखावा था असल में उस लाला का असली काम हीरों की तस्करी करना थाl
कहा जाता है कि लाला तस्करी करते-करते इतना आगे निकल चुका था कि कोई उसका मुकाबला नहीं कर पाया और बाद में एक ऐसा समय आया जब पूरी मुंबई उसके हाथ में थी और उसे मुंबई का किंग कहा जाने लगाl उस समय मुंबई में और कोई डॉन नहीं था लेकिन अचानक मुंबई पुलिस के हेड कांस्टेबल इब्राहिम कासकर का बेटे दाउद इब्राहिम कासकर और शब्बीर इब्राहिम कासकर इस धंधे में शामिल हो गयेl
इसके बाद लाला और इब्राहिम दोनों एक दुसरे के दुश्मन बन गयेl 1981 में लाला के लोगों ने दाउद के छोटे भाई की हत्या कर दी थी जिसके बाद मुंबई में खून खराबा शुरू हो गया थाl 1986 में दाउद ने अपने भाई की मौत का बदला लेने के लिए लाला के भाई कि हत्या कर दी थीl उसके बाद एक दिन लाला के हाथ दाउद इब्राहिम लग गया जिसके बाद लाला ने उसे खूब पीटा और वो भी बीच सड़क परl