प्रदर्शन को रोकने के लिए राजनीतिक हल खोज रहा है पाकिस्तान

पाकिस्तान में हो रहे सांप्रदायिक विरोध प्रदर्शन को लेकर टॉप सिविलियन और मिलिट्री लीडरशीप के बीच रविवार को अहम बैठक हुई। बैठक में यह तय हुआ है कि मामले को राजनीतिक हल से सुलझाने की कोशिश की जाएगी और पाकिस्तान मिलिट्री की इसमें कोई भूमिका नहीं होगी।
प्रदर्शन को रोकने के लिए राजनीतिक हल खोज रहा है पाकिस्तान  ये बैठक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बजवा समेत कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे। हालांकि, मिलिट्री कई अहम बिल्डिंगों की सुरक्षा के लिए तैनात रहेगी। दरअसल, मिलिट्री की ओर से हुई कार्रवाई में 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि 200 से ज्यादा घायल हो गए।

बता दें कि चुनाव प्रक्रिया के शपथ पत्र में पैगम्बर मोहम्मद का नाम हटा दिए जाने के बाद पाकिस्तान में हिंसा भड़क उठी थी। हालातों को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने पुरानी प्रक्रिया फिर से बहाल कर दी, लेकिन प्रदर्शनकारी अभी भी कानून मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे पर अड़े हुए हैं।

दरअसल, इस्लामाबाद में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बाद भारी हिंसा भड़क उठी। हिंसा की लपटों ने कराची और लाहौर समेत अन्य शहरों को भी चपेट में ले लिया। सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष में 200 से अधिक लोग घायल हो गए।

प्रदर्शनकारियों ने पाक के कानून मंत्री जाहिद हमीद के घरपर भी हमला किया था। इस बीच, हालात बेकाबू होते देख सरकार ने निजी टीवी चैनलों के प्रसारण के साथ ही फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब पर भी रोक लगा दी। स्थिति नियंत्रित करने के लिए इस्लामाबाद में सेना को बुला लिया गया है।

पाक में पारित नए चुनाव अधिनियम 2017 के बदलाव के विरोध में इस्लामाबाद स्थित फैजाबाद इंटरचेंज में 8 नवंबर से डेरा डाले कट्टर धार्मिक समूहों के कार्यकर्ताओं के खिलाफ इस्लामाबाद पुलिस की कार्रवाई के बाद हिंसा भड़की। गुस्साए लोगों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव और सड़कों पर आगजनी शुरू कर दी। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी और राजनेताओं के घर पर हमला कर दिया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button