जिम्बाब्वे में नई सत्ता का हुआ आगाज, नांगाग्वा बने राष्ट्रपति

आजादी के 37 साल बाद दक्षिण अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे में शुक्रवार को नई सत्ता का आगाज हुआ। हरारे के नेशनल स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित समारोह में एमर्सन नांगाग्वा ने हजारों लोगों और गणमान्य अतिथियों के समक्ष राष्ट्रपति पद की शपथ ली।
वह देश में सच्चे लोकतंत्र की बहाली का एलान पहले ही कर चुके हैं। करीब बीस दिन की राजनीतिक उठापटक के बाद जिम्बाब्वे के इतिहास में बदलाव का यह अध्याय जुड़ा है। राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे ने जब पत्नी ग्रेस के इशारे पर नांगाग्वा को उप राष्ट्रपति पद से हटाया, तो जिम्बाब्वे की सत्ता का ढांचा चरमरा गया।
नांगाग्वा का शपथग्रहण समारोह –
नांगाग्वा देश छोड़कर चले गए, लेकिन 14 नवंबर को सेना ने 37 साल से सत्ता में बने मुगाबे के अधिकार छीनते हुए उन्हें घर में नजरबंद कर दिया। इसके बाद एक-एक करके सभी ने मुगाबे का साथ छोड़ दिया। अंततः 21 नवंबर को मुगाबे को राष्ट्रपति पद छोड़ना पड़ा। इसी के नांगाग्वा की ताजपोशी की स्थितियां बनीं। कड़ी सुरक्षा और स्नाइपर की चौकस निगहबनी में हुए शपथ ग्रहण समारोह में हजारों नांगाग्वा समर्थक नाचते-गाते हुए शामिल हुए। उनका कहना था कि वे आजादी के बाद पहली बार इतने रोमांचित हैं।
नांगाग्वा से उन्हें अपेक्षा है कि वह देश को बदलेंगे और बेहतरी की ओर कदम बढ़ाएंगे। कुछ लोग सत्ता के दुरुपयोग के लिए मुगाबे की पत्नी ग्रेस को दंड दिए जाने की मांग भी कर रहे थे। ज्यादातर लोगों में सेना के प्रति आभार का भाव था। ‘वी थैंक यू अवर सोल्जर’ के बैनर इसकी गवाही दे रहे थे।
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जिंबाब्वे में ‘द क्रोकोडाइल’ नाम से ख्यात नांगाग्वा काला सूट और लाल टाई पहनकर पूरी ठसक के साथ शपथ लेने आए। उनके सीने पर सैन्य कार्यकाल में जीते गए मेडलों की पूरी लाइन थी। जैसे ही उन्होंने अपनी शपथ पूरी की, 60 हजार की क्षमता वाला स्टेडियम हर्ष ध्वनि से गूंज उठा। उम्मीद की जा रही थी मुगाबे अपने उत्तराधिकारी और दशकों के साथी रहे नांगाग्वा के शपथ ग्रहण के मौके पर आएंगे।
सरकारी अखबार हेराल्ड ने बताया कि दोनों नेताओं की बातचीत में तय हुआ कि मुगाबे समारोह में शामिल नहीं होंगे और विश्राम करेंगे।
पिटाई से घायल पूर्व मंत्री अस्पताल में भर्ती –
ऐसा भी नहीं कि सब कुछ ठीक-ठाक है। शुक्रवार को देश के पूर्व वित्त मंत्री इग्नेशियस चोम्बो को पिटाई की गंभीर चोटों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चोम्बो के वकील ने सेना की हिरासत में पिटाई होने का दावा किया है।