यहाँ प्रशिक्षण लेने के लिए वसूली जा रही भारी भरकम फीस, तो अब आयोग ने लिया ये बड़ा फैसला

हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्‍थान नियामक आयोग ने मनमानी फीस वसूली के मामले में दो संस्‍थानों पर कड़ी कार्रवाई की है। हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग ने राजधानी शिमला और हमीरपुर में स्थित एक निजी एयर होस्टेस प्रशिक्षण संस्थान के दो केंद्रों को बंद करने के आदेश दिए हैं। यहाँ प्रशिक्षण लेने के लिए वसूली जा रही भारी भरकम फीस, तो अब आयोग ने लिया ये बड़ा फैसला
आयोग के अध्यक्ष डॉ. केके कटोच की अदालत ने 20 दिसंबर तक दोनों केंद्रों को बंद करने के आदेश दिए हैं। जिला प्रशासन और पुलिस को आदेश दिए हैं कि अगर निर्धारित तारीख तक संस्थान द्वारा केंद्र बंद नहीं किए तो कानूनी कार्रवाई अमल में लाते हुए केंद्रों को बंद करवाया जाए।

शिमला शहर के एक व्यक्ति की शिकायत पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पाया कि राज्य या केंद्र सरकार से स्वीकृत करवाए बिना ही निजी कंपनी ने अपना फीस स्ट्रक्चर तैयार किया है। प्रशिक्षण लेने वालों से भारी भरकम फीस वसूली जा रही है।

केंद्र और राज्य सरकार की युवाओं के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का भी पालन नहीं किया जा रहा है। आयोग ने इन शिकायतों के आधार पर मामले की विस्तार से सुनवाई करने के बाद कंपनी के प्रशिक्षण केंद्र बंद करने का फैसला लिया है।

ये भी पढ़ें: CBSE ने जारी किया JEE मेन 2018 का नोटिफिकेशन, जानिए किस दिन होगा एग्जाम

नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले नपेंगेः डॉ. केके कटोच

हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ. केके  कटोच ने कहा कि नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले निजी शिक्षण संस्थानों को किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

शिमला में मंगलवार को प्रदेश में निजी उच्च शिक्षा के समक्ष चुनौतियां और अवसर विषय पर आयोजित सम्मेलन में डॉ. कटोच ने यह बात कही।

सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में गुणात्मक शिक्षा के लिए इस तरह निजी शैक्षणिक संस्थानों को विकसित करना है जिससे लोगों में निजी संस्थानों से शिक्षा प्राप्त करने का भय व उपेक्षाएं समाप्त की जा सकें।

आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि आयोग शिकायत की सुनवाई की प्रक्रिया के माध्यम से छात्रों की शिकायतों का निवारण कर रहा है। विश्वविद्यालय तथा उच्च शैक्षणिक संस्थानों ने आयोग की मध्यस्थता के बाद प्रवेश फीस, सिक्योरिटी तथा शिक्षक स्टाफ के वेतन की अदायगी के लिए 99,51,235 रुपये वापस किए हैं।

प्रदेश में 17 फर्जी उच्च शिक्षा संस्थानों को बंद करने के निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे इन निजी उच्च शिक्षा संस्थानों में डिग्री व सर्टिफिकेट के नाम पर छात्रों का भविष्य खराब न हो।

उन्होंने कहा कि आयोग प्रदेश में निजी उच्च शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, शिक्षण, परीक्षा, अनुसंधान, विस्तार कार्यक्रम के लिए उचित मानक तथा छात्रों के हितों के संरक्षण को सुनिश्चित करेगा। आयोग निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश आधार को तर्कसंगत बनाने की कोशिश कर रहा है।

ये भी पढ़ें: 8वीं में फेल छात्र 23 साल की उम्र में बना करोड़ों का मालिक, CBI भी जिसकी आगे बनी मुरीद

वेब पोर्टल के जरिए जानकारी

इस बारे में आम लोगों तक जानकारी सुनिश्चित करने के लिए निजी विश्वविद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों को सभी जानकारी वेब पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध करवाई जा रही है।

अध्यक्ष ने कहा कि सम्मेलन में भाग ले रहे राज्य के निजी विश्वविद्यालयों के वीसी और रजिस्ट्रार अपने विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के सर्वश्रेष्ठ स्तर को सुनिश्चित बनाएं, जिससे प्रदेश में विश्व स्तरीय निजी विश्वविद्यालय तथा शिक्षण संस्थान विकसित किए जा सकें।

ये भी पढ़ें: CBSE ने जारी किया JEE मेन 2018 का नोटिफिकेशन, जानिए किस दिन होगा एग्जाम

आयोग की सचिव सुनीता कापटा ने प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि आयोग निजी शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा प्रणाली को संचालित करने के अतिरिक्त निजी संस्थानों को छात्रों को सर्वश्रेष्ठ तथा गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रेरित कर रहा है।

इस अवसर पर प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों तथा निजी शैक्षणिक संस्थानों के वीसी, रजिस्ट्रार, मुख्य कार्यकारी तथा प्रशासक भी मौजूद रहे।

Back to top button