इन 8 बेहूदा बयानों से ‘भंसाली के सिर पर आई आफत, और खतरे में पड़ी दीपिका की नाक’

संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ पर विवाद चरम पर पहुंचता जा रहा है. कोई भंसाली को जान से मारने की धमकी दे रहा है तो कोई दीपिका पादुकोण के नाक को काटने की धमकी दे रहा है. केंद्रीय मंत्री उमा भारती से लेकर, श्री राजपूत करणी सेना के सदस्य- कोई भी बयानबाजी में पीछे नहीं रहा है. एक नजर डालते हैं उन बयानों पर जो पद्मावती और इसके स्टार-कास्ट के खिलाफ की गई है.

इन 8 बेहूदा बयानों से 'भंसाली के सिर पर आई आफत, और खतरे में पड़ी दीपिका की नाक'

मेरठ में एक राजपूत नेता ने भंसाली के खिलाफ फरमान जारी कर कहा है कि जो भंसाली का सिर काट कर लाएगा उसे पांच करोड़ इनाम मिलेगा. इसके बाद भंसाली की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दो गनमैन 24 घंटे उनके साथ रखने का प्रबंध मुंबई पुलिस ने किया है.

 

16 नवंबर को राजपूत करणी सेना के महिपाल सिंह मकराना ने दीपिका पादुकोण की नाक काटने की धमकी दी. एक वीडियो जारी कर कहा- ‘राजपूत महिलाओं पर कभी हाथ नहीं उठाते, लेकिन जरूरत पड़ी तो हम दीपिका के साथ वही करेंगे जो लक्ष्मण ने शूर्पणखा के साथ किया था.’ रामायण की कथा के मुताबिक़ लक्ष्मण ने शूर्पणखाकी नाक काट दी थी.

 

4 नवंबर को केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी इस विवाद में कूद पड़ी थीं. उन्होंने टि्वटर पर एक खुला खत शेयर किया कहा कि अलाउद्दीन खिलजी एक व्यभिचारी हमलावर था. उसकी बुरी नजर पद्मावती पर थी. उमा भारती ने एक के बाद एक कई ट्वीट भी किए. उन्होंने लिखा, ‘रानी पद्मावती के विषय पर मैं तटस्थ नहीं रह सकती’ मेरा निवेदन है कि पद्मावती को राजपूत समाज से न जोड़कर भारतीय नारी की अस्मिता से जोड़ा जाए. क्यों न रिलीज़ से पहले इतिहासकार, फ़िल्मकार और आपत्ति करने वाले समुदाय के प्रतिनिधि और सेंसर बोर्ड मिलकर कमिटी बनाएं और इस पर फैसला करें. मैं अपनी बात पर अडिग हूं, भारतीय नारी के सम्मान से खिलवाड़ नहीं. भूत, वर्तमान और भविष्य -कभी भी नहीं. कुछ बातें राजनीति से परे होती हैं, हर चीज़ को वोट के चश्मे से नहीं देख सकती. मैं तो आज की भारतीय महिला हूं. जिस स्थिति में होंगी, भूत वर्तमान और भविष्य के स्त्रियों के सम्मान की चिंता ज़रूर करूंगी.

 

बीजेपी सांसद सुब्रमण्यण स्वामी ने कहा कि फिल्म के बजट की जांच होनी चाहिए. यह पता करना चाहिए कि फिल्म में आखिर किसने पैसा लगाया है. फिल्म पद्मावती के विरोध पर दीपिका ने सवाल किया था कि एक राष्ट्र के तौर पर हम कहां पहुंच गए हैं, हम आगे बढ़ने के बदले पीछे जा रहे हैं. स्वामी को दीपिका की बात इतनी बुरी लगी कि उन्होंने दीपिका की नागरिकता पर ही सवाल खड़े दिए. पद्मवती पर बैन की मांग को लेकर स्वामी ने कहा, ‘किसी एक फिल्म की रिलीज रुकने का मतलब ये नहीं है कि हमारा देश पीछे जा रहा है. दीपिका के बयान से लगता है कि वो पढ़ी-लिखी नहीं हैं. उन्हें फिर से पढ़ाई शुरू कर कुछ सीखना चाहिए. ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिर्फ सिनेमा के आधार पर देश को पिछड़ा बताया जा रहा है. हमें ये भी नहीं पता कि दीपिका भारत की नागरिक हैं भी या नहीं. दीपिका के बयान की पूरे देश में आलोचना होनी चाहिए. ऐसे बयान देकर वो बॉलीवुड के स्टैंडर्ड को भी नीचे ले जा रही हैं.’

 

बीजेपी सांसद एवं पार्टी प्रवक्ता प्रोफेसर चिंतामणि मालवीय फेसबुक पर पोस्ट की गई अपनी टिप्पणी में  लिखा, ‘ जिन फिल्मकारों के घरों की स्त्रियां रोज अपने शौहर बदलती हैं वे क्या जाने जौहर क्या होता है? मैं फ़िल्म पद्मावती का पुरजोर विरोध और बहिष्कार करता हूं. अपने शुभचिंतकों से अनुरोध करता हूं कि इस फ़िल्म को बिल्कुल न देखें. फ़िल्म बनाकर चन्द पैसों के लालच के लिए इतिहास से छेड़छाड़ करना शर्मनाक और घृणित कार्य है.’हर भारतीय नारी की आदर्श, रानी पद्मावती जी पर भारतीयों को गर्व है. रानी पद्मावती ने अपने सतीत्व और देश औऱ समाज की आन-बान-शान के लिए हजारों नारियों के साथ स्वयं को आग में झोंक दिया था. उसे तोड़-मरोड़ कर दिखाना वास्तव में इस देश का अपमान है.’

 

गुजरात के प्रदेश उपाध्यक्ष आईके जडेजा ने सेंसर बोर्ड, केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग से फिल्म की रिलीज का विरोध किया था. जडेजा ने कहा था, गुजरात के 15-16 जिलों के राजपूत समाज ने पार्टी से इस फिल्म को बैन कराए जाने की मांग की थी. बीजेपी ने चुनाव आयोग, केंद्र सरकार और सेंसर बोर्ड को चिट्ठी भी लिखी. कहा कि यह फिल्म क्षत्रीय समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकती है. लिहाजा फिल्म को रिलीज से पहले पार्टी के राजपूत प्रतिनिधियों को दिखाया जाना चाहिए. पार्टी की दलील है कि ऐसा करने से रिलीज के वक्त फिल्म के लिए सहूलियत रहेगी और किसी भी तरह की तनावपूर्ण परिस्थितियों से बचा जा सकेगा. निर्वाचन आयोग ने बीजेपी की मांग को ठुकरा दिया.

 

बीजेपी के विधायक सुजीत सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर राज्य में फिल्म को प्रदर्शित करने से रोकने की मांग की है. देवेन्द्र फडणवीस को लिखी चिट्ठी में उन्होंने कहा कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्य के साथ छेड़छाड़ की गई है. ऐसे में फिल्म को प्रदर्शित नहीं करने देना चाहिए. बता दें कि कई बीजेपी के कई मंत्रियों और राज्यों के विधायकों ने पद्मावती का विरोध किया है. इससे पहले फडणवीस के एक मंत्री फिल्म पर आपत्ति जता चुके हैं.

 

जयपुर के पूर्व राजपरिवार ने भी पद्मावती का विरोध किया है. पूर्व राजघराने की प्रिंसेस और विधायक दीया कुमारी ने पद्मावती पर अपना गुस्सा जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि फिल्म के बहाने राजस्थान के इतिहास से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. दरअसल, राजपरिवार महरानी पद्मावती को घूमर नृत्य में दिखाने से नाराज है. उन्होंने कहा है कि वो किसी भी कीमत पर फिल्म प्रदर्शित नहीं होने देंगे. अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा- मुझे राजस्थान के इतिहास के किसी भी तरह की छेड़छा़ड़ बर्दाश्त नहीं है. मैं यहां के लोगों के बलिदान के साथ खिलवाड़ पसंद नहीं करूंगी. बता दें, इस फिल्म में दीपिका पादुकोण रानी पद्मावती की भूमिका निभा रही हैं. जबकि रणवीर सिंह अलाउद्दीन खिलजी के रोल में हैं.

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