पुरुष अपने बड़े हुए ब्रेस्‍ट से पाना चाहते है छुटकारा, तो अपनाए ये घरेलू नुस्खे

महिलाओं के सुडौल स्‍तन हमेशा पुरुषों में सेंटर ऑफ अट्रेक्‍शन होता है जो उन्‍हें उनकी तरफ आकर्षित करता है, लेकिन वहीं पुरुषों के बड़े स्‍तन न सिर्फ दिखने में भद्दे लगते है बल्कि इसकी वजह से कई बार उनका इम्‍प्रेशन खराब हो जाता है। दरअसल पुरुषों के स्तनों के निप्‍पल में जरुरत से ज्यादा वसा जमा होना या ग्रंथि युक्त टिश्यूज के बढ़ जाने की वजह से उनके वक्षस्‍थल में उभार आ जाता है, और यह महिलाओं के स्‍तनों की तरह बढ़ी हुई नजर आने लगती है। 
पुरुष अपने बड़े हुए ब्रेस्‍ट से पाना चाहते है छुटकारा, तो अपनाए ये घरेलू नुस्खे
पुरुषों के बड़े हुए वक्षस्‍थलों की स्थिति को गायनीकोमैस्टिया कहा जाता है। साधारण शब्दों में कहें तो गायनीकोमैस्टिया का मतलब पुरुष के स्तनों का महिलाओं की तरह दिखना। हार्मोंस की असंतुलनता और वसा की वजह से गायनीकोमैस्टिया होने पर पुरुष का शरीर बहुत ही बेडौल नजर आता है। जिससे कई बार शर्मिंदगी भी उठानी पड़ती है। 

गाइनेकोमेस्टिया के कारण पुरुषों के स्‍तनों में दर्द हो सकता है। हालांकि सर्जरी, दवाओं और हार्मोन थेरेपी के द्वारा इसका उपचार किया जा सकता है। लेकिन गाइनेकोमेस्टिया के लिए घरेलू उपाय है जिसकी मदद से पुरुष अपने बड़े हुए स्‍तनों को कम कर सकते है। आज हम कुछ घरेलू और डॉक्‍टरी ईलाज के बारे में बता रहे है जिसकी मदद से पुरुष इस शर्मनाक स्थिति से बच सकते है। 

50 फीसदी इस समस्‍या से पीडि़त है एक अनुमान के मुताबिक, 50 फीसदी पुरुष अपने जीवन में गाइनेकोमैस्टिया से पीड़ित हो सकते हैं। दरअसल, पुरुषों के वक्षस्थल में उभार शरीर में हार्मोन की मात्रा असंतुलित होने के कारण होता है और किशोरावस्था में इसकी शिकायत ज्यादा होती है। शरीर का वजन बढ़ने से ज्यादा उभार हो सकता है। आमतौर पर यह घातक नहीं होता, लेकिन असाधारण मामलों में पुरुषों में स्तन कैंसर के मामले भी सामने आए हैं। 

अलसी और सोया अलसी और सोया टेस्टोस्टेरोन की मात्रा को बढ़ाने में मददगार नहीं होते, लेकिन ये शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम करने में सक्षम होते हैं। एस्ट्रोजन की मात्रा कम करने के अलावा, अलसी और सोया के अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य लाभों में गाइनेकोमेस्टिया के लक्षणों के उपचार में मदद करना भी शामिल है। अपने दैनिक आहार में अलसी के तेल को शामिल करें और डेयरी मिल्‍क के स्‍थान पर सोया मिल्‍क लें। यह गाइनेकोमेस्टिया के साथ कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी आपकी मदद करता हैं। 

हल्दी हल्‍दी प्रसिद्ध भारतीय मसाला है। यह अदरक की प्रजाति का पौधा है जिस की जड़ कंद मूल के रूप में प्रयोग की जाती है। यह भारतीय रसोईघर की शान है। इसके अलावा, हल्‍दी पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने के लिए सक्षम माना जाता है। नतीजतन, इसके इस्‍तेमाल से पुरुष गाइनेकोमेस्टिया की समस्‍या से बच सकते हैं। 

ओमेगा -3 फैटी एसिड ओमेगा -3 फैटी एसिड गाइनेकोमेस्टिया से पीड़ित रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता हैं। यह टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। मछली में सबसे ज्‍यादा ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है। 

जिंक कई अध्‍ययनों के अनुसार, जिंक स्वाभाविक रूप से टेस्टोस्टेरोन को बढ़ता है। नाखूनों के नीचे सफेद धब्बे जिंक की कमी के आम लक्षण हैं। जिंक सप्‍लीमेंट लेने से टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है। 

गुग्गुल गुग्गुल एक वृक्ष है। इससे प्राप्त राल जैसे पदार्थ को ‘गुग्गल’ कहा जाता है। यह एक जड़ी बूटी है। इसका गाइनेकोमेस्टिया के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एस्ट्रोजन के स्तर को कम करने और शरीर के अंदर पुरुष हार्मोन का उत्पादन बढ़ाने में सहायक होता है। नियमित आधार पर इस जड़ी बूटी का उपयोग पुरुषों के स्तन के ऊतकों पर वसा का जमाव कम करने में मददगार होता है। गुग्गुल का अर्क बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाता हैं

लाइपोसक्शन सर्जरी इस सर्जरी में एनेस्थीसिया देकर ऊपरी त्वचा को टाइट करना पड़ता है। पुरुष स्तन के निचले भाग में एक छोटा सा छेद किया जाता है। इसके बाद लाइपोसक्शन कैन्सुला डालकर पता किया जाता है कि कितनी वसा निकालनी है। इस सर्जरी में कमी यह है कि इससे स्तन ग्रंथि ऊतक को बाहर नहीं निकाला जा सकता है। 

मैस्टेक्टमीसर्जरी यह सर्जरी लाइपोसक्शन सर्जरी से इस मामले में अलग होती है कि इस सर्जरी में स्तन की ग्रंथि ऊतक को काटकर बाहर निकाल दिया जाता है। 

पुल थ्रू सर्जरी यह सर्जरी बेहद कम चीरफाड़ वाली आधुनिक सर्जरी है। इसमें निप्‍पल के पास एक छोटे से छेद के माध्यम से चर्बी और ग्रंथियुक्त टिश्यूज को बाहर निकाल दिया जाता है। इसमें शरीर पर कम से कम निशान पड़ते हैं। हालांकि सर्जरी के बाद एक हफ्ते तक साफ-सफाई का ध्यान रखना होता है। ऐसा नहीं होने पर शरीर में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। 

क्रियोलिपोलाइसिस क्‍या सच में पुरुषों के छाती के बाल महिलाओं को करते हैं आकर्षित?स्तनों के छोटे उभार का इलाज बिना सर्जरी भी संभव है। इसे क्रियोलिपोलाइसिस कहते हैं। इसमें शरीर के वसा नॉन-इनवेसिव यानी ज्यादा खतरा पैदा नहीं होने के स्तर तक ठंडा करके वसा कोशिका में विखंडित किया जाता है। इसका असर दो से चार महीने में दिखने लगता है। 

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