दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऊपर बनाई गई फिल्म ‘An Insignificant Man’ (एक मामूली आदमी) 17 नवंबर को थिएटर में रिलीज हो रही है. इस फिल्म के ट्रेलर को यूट्यूब पर करीब 15 दिन में 14 लाख लोगों ने देखा है. इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं कैसी है इस फिल्म की कहानी…
www.vkaao.com साइट पर फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग की बुकिंग शुरू हो गई है. डॉक्यूमेंट्री फिल्म भारत के कई शहरों में रिलीज हो रही है.
इस फिल्म में वास्तविक फुटेज इस्तेमाल किए गए हैं. फिल्म में असली कहानी को दिखाया गया है. इस फिल्म को लेकर गुजरात हाईकोर्ट में एक वकील ने पीआईएल भी दायर किया गया है और गुजरात चुनाव को देखते हुए रिलीज रोकने की मांग की है.
फिल्म को अमेरिका की मीडिया कंपनी वाइस लॉन्च कर रही है. खुशबू रांका और विनय शुक्ला द्वारा निर्देशित यह फिल्म सामाजिक कार्यकर्ता से राजनेता बने अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक जिंदगी को दिखाती है.
फिल्म में कांग्रेस और बीजेपी के साथ लड़ते हुए एक शख्स के जीतने की कहानी को दिखाया गया है.
फिल्म को क्राउडफंडिंग के जरिए बनाया गया. फिल्म में पार्टी के बंद दरवाजों के भीतर के सीन भी शामिल किए गए हैं.
मूवी में आम आदमी पार्टी की आंतरिक राजनीति को भी दिखाया गया है. कैसे योगेंद्र यादव पार्टी से अलग हुए इसका जिक्र भी है.
राजनीति से बाहर काम करने वाले शख्स के राजनीति में आने और परचम लहराने को मूवी में देखने का मौका मिलेगा.
यूट्यूब पर मूवी के कैप्शन में लिखा गया है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में एक पार्टी की एन्ट्री को इस मूवी से समझा जा सकता है.
फिल्म आइडियलिज्म और पॉलिटिक्स दोनों के भेद पर भी चर्चा करती है.
इस फिल्म को ‘मास्टरपीस’ बताते हुए, वाइस ने कहा था कि वह फिल्म को भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रिलीज करने के लिए निर्माता आनंद गांधी की मेमिसिस लैब के साथ साझेदारी की है.
वाइस डॉक्यूमेंट्री फिल्म्स के कार्यकारी निर्माता, जेसन मोजिका ने कहा था- मैंने टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल 2016 में यह फिल्म देखी और मुझे लगा कि यह फिल्म मार्शल करी की ‘स्ट्रीट फाइट’ के बाद जमीनी राजनीति पर बनी सबसे बेहतरीन फिल्म है.
शुरुआत में इस फिल्म पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष पहलाज निहलानी को ऐतराज था.
पहलाज निहलानी ने फिल्म रिलीज करने के लिए फिल्म निर्माताओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लाने को कहा था. अंत में, फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण ने फिल्म को मंजूरी दे दी. एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह फिल्म 22 से ज्यादा देशों में दिखाई जाएगी.
प्रॉड्यूसर आनंद गांधी ने कहा है कि यह भारतीय सिनेमा के इतिहास में पहली बार एक ऐसी फिल्म दिखाई जाएगी, जिसे देखकर लोग समझ पाएंगे कि राजनीतिक दलों में बंद दरवाजों के पीछे क्या होता है.