टॉयलेट बनवाने वाली ‘मोटाबेन अनसुइया’ को गूगल ने किया सलाम

गूगल डूडल शनिवार 11 नवंबर को सामाजिक कार्यकर्ता अनसुइया साराभाई को समर्पित किया है, आज उनकी 132 वीं वर्षगांठ हैं। मोटाबेन के नाम से पॉपुलर अनसुइया ने बुनकरों और टेक्सटाइल उद्योग के मजदूरों की हक की लड़ाई के लिए 1920 में अहमदाबाद टेक्सटाइल लेबर एसोसिएशन यानी मजूर महाजन संघ की बनाया था, जो भारत के टेक्सटाइल मजदूरों का सबसे पुराना यूनियन है।

1912 में अनसुइया पढ़ाई के लिए इंगलैंड चली गई। इसी बीच वो जॉर्ज बर्नार्ड शॉ और सिडनी वेब के संपर्क में आईं। बाद में लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में चली गईं। उन्होंने भारत आकर हाशिये पर मौजूद लोगों और उनलोगों के लिए काम करना शुरू किया जिन्हें समाज में कोई अधिकार प्राप्त नहीं था।
उन्होंने सभी जाति के गरीबों की शिक्षा के लिए स्कूल खोले और महिलाओं के लिए बाथरुम बनवाए। उन्होंने एक दिन कुछ मजदूरों को जाते हुए देखा जिन्हें वो नहीं जानती थीं उन मजदूरों ने उन्हें बताया कि वो पिछले 36 घंटे से काम कर रहे थे बिना कोई ब्रेक लिए तो उन्हें लगा कि इन मजदूरों के लिए काम किए जाने की जरूरत है और फिर उन्होंने मजदूरों के लिए यूनियन का गठन किया। यही नहीं उन्होंने 1918 में मजदूरों की सैलरी बढ़वाने के लिए आंदोलन किया था।