बिहार टॉपर घोटाले में एक और सनसनीखेज खुलासा, बच्चा राय की बेटी थी असली ‘फर्जी टॉपर’

bachha-rai_1465456853बिहार के चर्चित टॉपर घोटाले में एक और सनसनीखेज खुलासा सामने आया है, छात्रों को फर्जी तरीके से टॉपर बनाने वाले वैशाली के विशुन राय कालेज के संचालक बच्चा राय उर्फ अमित सिंह ने इस साल भी अपनी बेटी को ‘फर्जी टॉपर’ बनवा दिया था, लेकिन मामला सुर्खियों में न आए इसलिए उसका नाम टॉपर की लिस्ट में नहीं रखा। लेकिन बेटी की जगह जिस सौरभ श्रेष्ठ को इंटरमीडिएट साइंस का टॉपर बनवाया वो भी फिसड्डी निकला और पूरे घोटाले की पोल खुल गई। बता दें कि दो साल पहले बच्चा राय की बेटी ने हाईस्कूल में पूरे प्रदेश में टॉप किया था।
असल में टॉपर बनाने की यह फैक्ट्री वैशाली जिले के हाजीपुर स्थित विशुन राय कालेज में ‌थी। जहां पढ़ने वाले बच्चे थोक के भाव मेरिट लिस्ट में जगह बनाते रहे हैं। कालेज का संचालक लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का नेता बच्चा राय है। वही इस कालेज में प्रधानाचार्य का पद भी संभाले हुए थे। 

दो साल पहले यह कालेज तब सुर्खियों में आया था जब कालेज के 222 बच्चों को एक समान अंक आए थे। मामले में तब जांच भी बैठी थी लेकिन बच्चा राय के प्रभाव के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला गया। उसी साल यानि 2014 में उसकी बेटी शॉलिनी राय ने भी हाईस्कूल में पूरे प्रदेश में टॉप किया था। 

इस साल इंटरमीडिएट का रिजल्ट आया तो साइंस और आर्ट दोनों विषयों में पूरे प्रदेश में टॉप करने वाले छात्र-छात्रा उसके कालेज के थे। साइंस से सौरभ श्रेष्ठ ने तो आर्ट से रूबी राय ने टॉप किया था। लेकिन जल्द ही इनके टॉप होने की पोल भी खुल गई। मामले में एक और खुलासा हुआ है। 

विवाद होने के डर से टॉपर लिस्ट से हटवा दिया था बेटी का नाम

बताया जाता है कि बच्चा राय की बेटी शालिनी ने इस बार भी साइंस में इंटरमीडिएट में पूरे प्रदेश में टॉप किया था, लेकिन पिछले साल परीक्षाओं में नकल को लेकर मचे हंगामे के बीच उसे आशंका थी कि इस पर विवाद हो सकता है इसलिए उसने बड़े शातिर तरीके से शालिनी की बजाय सौरभ का नाम मेरिट लिस्ट में रखवा दिया। सौरभ मेरिट में दूसरे नंबर पर था। 

बोर्ड में बच्चा राय की हनक का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस पर किसी ने कोई आपत्ति भी नहीं की और बड़े मजे में मेरिट लिस्ट जारी कर दी गई। दो दिन पहले एसआईटी ने बिहार बोर्ड के ऑफिस में छापा मारा तो इस बात का खुलासा हुआ। इसके बाद पुलिस ने शालिनी राय का नाम पहले नंबर पर रखते हुए एफआईआर दर्ज करवाई। पुलिस की एफआईआर में भी साइंस टॉपर के तौर पर शालिनी राय का ही जिक्र है। 

दूसरी ओर माना जा रहा है इस साजिश में बोर्ड के छोटे से लेकर बड़े तक कई अधिकारी शामिल रहे हैं। उन्हीं की शह पर बच्चा राय परीक्षाओं में खुलकर खेलता था। आशंका इस बात की भी है कि उसने अपनी बेटी को 2014 में भी इसी तरीके से टॉप करवा दिया था। 

इस घोटाले की परतें खुलने के बाद से ही अन्य टॉपरों की तरह शालिनी राय भी अपने पिता के साथ भूमिगत हो गई है। वहीं एसआईटी ने कई जिलों में छापामारी कर इस घोटाले के गुनहगारों तक पहुंचने की कवायद शुरू कर दी है। वहीं मामले की जांच कर ही एसआईटी को बोर्ड अध्यक्ष लालकेश्वर सिंह की भूमिका भी संदिग्‍ध दिख रही है। 

 
 
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