डीएम को गाली देने वाले मंत्री को अखिलेश ने किया बर्खास्त

अफसरों को गाली देने वाले मंत्री कुलदीप उज्जवल को अखिलेश ने किया बर्खास्त
अफसरों को गाली देने वाले मंत्री कुलदीप उज्जवल को अखिलेश ने किया बर्खास्त

यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने फोन पर अफसरों को गाली देने और धमकाने वाले मंत्री कुलदीप उज्जवल को बर्खास्त कर दिया है। पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है क‌ि कुलदीप अख‌िलेश सरकार के व‌िकास के एजेंडे में रोड़ा बन रहे थे।

राज्य मद्य निषेध परिषद के चेयरमैन कुलदीप उज्जवल ने डीपीआरओ को फोन करके उनके, डीएम और सीडीओ के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया था। 

कुलदीप और डीपीआरओ की बातचीत की रिकार्डिँग वायरल हो गई, इसके बाद ये एक्शन लिया गया। कुलदीप बागपत विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी भी हैं। उनका वहां से टिकट भी कटेगा।

बता दें कि अपनी ही सरकार में अपने कहे अनुसार ग्राम सचिव पद पर दो लोगों की नियुक्ति और ट्रांसफर न होने से गुस्साए राज्य मद्य निषेध परिषद के चेयरमैन और बागपत विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी डॉ कुलदीप उज्ज्वल ने पूरे जिले के प्रशासनिक सिस्टम को भ्रष्टाचार में लिप्त बता दिया।

कुलदीप उज्ज्वल ने डीपीआरओ सर्वेश कुमार पांडेय को करीब चार दिन पहले रात 11 बजे फोन किया था। पढ़ें पूरी बातचीत आगे की स्लाइड में…

उज्ज्वल ने डीपीआरओ से कहा कि … डीपीआरओ साहब! आपने आजतक मेरा असली रूप नहीं देखा…सोमवार को आ रहा हूं कलक्ट्रेट में। मैं स्टूडेंट लीडर रहा हूं, यूनिवर्सिटी का प्रेसीडेंट रहा हूं। तुम सब लोगों को… तुम्हें, सीडीओ को.. डीएम को असलियत बताऊंगा… तुम कर क्या रहे हो। 

मेरे पास सब लोगों का कच्चा चिट्ठा है। तुम्हे शर्म नहीं आई तुम लोगों को कि मैं सपा कैंडीडेट हूं… दो लोगों के लिए कहा है केवल। एक मेरे गांव का है और दूसरे के लिए छह के छह प्रधानों ने मांग की है। … तुम्हे शर्म नहीं आई कि उस काम को कर देते। 

अब देखना कि ये जो तिवारी है ना डीएम, …इस …. को बता देना …औकात बताऊंगा, कैसे यमुना से रेत उठवाता है। मेरे पास सबका कच्चा चिट्ठा है। रजिस्टर है मेरेे पास। एक आदमी नहीं बच रहा, जिसका नाम ना हो, जो रेत उठवाने में और खनन में पैसा न लेता हो। 

देखना क्या तांडव मचाऊंगा। तुम्हारी अगर नहीं औकात बता दी एक-एक आदमी की तो, कुलदीप उज्जवल नाम नहीं। उज्ज्वल एक इमानदारी का नाम है। दलाली नहीं करता जो पैसे नहीं लेता … अब देखना कि मैं सोमवार को क्या तमाशा दिखाता हूं। 

अगर ये …. का यहां ….जो भाग नहीं गया मेरी दहशत में तो नाम बदल देना मेरा। औकात नहीं बता दी ना तो कलक्ट्रेट के दफ्तर में बैठकर तो अपनी कैंडिडेटशिप वापस कर आउंगा पार्टी को जाकर। बेइमानों की जो ये जमात लगी है ना इन्होंने जिला लूटकर खा लिया। 

….एक महीने से तुम लोगों को रिक्वेस्ट कर रहा हूं तुुम लोग हो कौन। तुम तो मेरे प्रोटोकॉल में आते हो, राज्यमंत्री का दर्जा हूं। तुमने सच्चाई और ईमानदारी का नाजायज फायदा उठाया, अब तुम्हे नौकरी करना सिखाता हूं। सीडीओ, तुम्हे और डीएम को बताऊंगा।

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