योगेश चंद्र मोदी ने संभाला NIA चीफ का पदभार

NIA के नए डीजी के तौर पर योगेश चंद्र मोदी ने आज अपना पदभार संभाल लिया है. 1984 बैच के असम-मेघालय कैडर के आईपीएस अधिकारी योगेश चंद्र मोदी ने शरद कुमार की जगह डीजी NIA का पदभार संभाला है.योगेश चंद्र मोदी

असम-मेघालय कैडर के IPS

कैबिनेट की अप्वाइंटमेंट कमेटी ने मोदी के NIA में अप्वाइंटमेंट को OSD (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) के तौर पर भी मंजूरी दी थी. मोदी असम-मेघालय कैडर के 1984 बैच के आईपीएस अफसर हैं.

NIA के डीजी शरद कुमार ने आज अपना पदभार वाई सी मोदी को दे दिया है. मोदी इस पद पर 31 मई 2021 तक बने रहेंगे.

नए NIA DG वाईसी मोदी आईपीएस के तौर पर 33 साल की सेवाएं देश को दे चुके हैं. इन्होंने खुफ‍िया जानकारी के आधार पर कई ऑपरेशन को भी अन्जाम दिया है.

10 वर्षों तक CBI में रहते हुए एन्टी करप्शन के मामलों को सॉल्व करते हुए 2002 से 2010 और 2015 से 2017 तक CBI में दो बार अपनी सेवाएं दी हैं.

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इसके अलावा विशेष अपराध और आर्थिक अपराधों के मामलों को संभाला है. असम और मेघालय राज्यों में उन्हें एसडीपीओ, जिला एसपी, डीआईजी (रेंज) और अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (कानून और व्यवस्था) के पद पर तैनात किया गया था. इन कार्यों के दौरान, उन्होंने आतंकवाद विरोधी गतिविधियों सहित कोर पुलिस के विभिन्न पहलुओं में क्षेत्रीय अनुभव प्राप्त किया है.

पदोन्नति पर NIA में शामिल होने से पहले, वाई सी मोदी सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक के रूप में काम कर रहे थे. उन्हें 2001 में मेरिटोरियस सेवा के लिए पुलिस मेडल और वर्ष 2008 में प्रतिष्ठित सेवा के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है.

शरद कुमार को मिला था 2 बार एक्सटेन्शन

शरद कुमार को NIA का डीजी 5 अगस्त 2013 में बनाया गया था. इनको 2 बार एक्सटेन्शन मिला था, जिसमें शरद कुमार कॉन्ट्रैक्ट पर डीजी थे. पिछले साल अक्टूबर में भी इन्हें एक साल का एक्सटेन्शन मिला था, ताकि ये कुछ अहम मामलों की जांच को अंजाम तक पहुंचा सकें. इनमें पठानकोट आतंकी हमला, कश्मीर में आतंकी हमला, बर्दवान ब्लास्ट और समझौता ब्लास्ट केस शामिल था.

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