चुनावी दंगल भाजपा और कांग्रेस की असल परीक्षा, अपने घर में घेरने का दोनों ओर से दांव
ऐसे में राजा और वजीरों के अपने क्षेत्रों से बाहर प्रचार करने पर विरोधी उनकी सियासी जमीन खिसकाने का चक्रव्यूह रचने की तैयारी में हैं। दोनों प्रमुख दलों के सामने अब प्रचार अभियान से एक-दूसरे को घेरने की रणनीति पर काम करना है। कांग्रेस में प्रचार मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के इर्द गिर्द घूमता दिख रहा है। नामांकन भरने के बाद वीरभद्र लगातार प्रदेश के विधानसभा क्षेत्रों में घूम रहे हैं। उनकी रोजाना तीन से ज्यादा जनसभाओं के कार्यक्रम कांग्रेस ने तय किए हैं।
ये भी पढ़े: राजस्थान में गुर्जर समेत 5 OBC जातियों को मिलेगा अलग से 5% रिजर्वेशन
विधानसभा चुनाव में पहली बार वीरभद्र शिमला जिले से बाहर चुनाव लड़ने उतरे हैं। भाजपा ने अर्की में संघ को हर घर में दस्तक देने की जिम्मेदारी तय कर दी है। इसके अलावा प्रदेश चुनाव प्रभारी थावर चंद गहलोत और प्रदेश प्रभारी मंगल पांडेय इस सीट पर विशेष फोकस रख रहे हैं।
भाजपा वहां अपना ग्राउंड मजबूत करने के लिए पीएम मोदी तक की रैली करवाने की तैयारी में है। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री धूमल की कमोबेश स्थिति वीरभद्र जैसी है। धूमल भी नई सीट सुजानपुर से पहली बार लड़ रहे हैं। धूमल पार्टी के प्रदेश में बड़े चेहरों से एक हैं, जिनका इस्तेमाल पार्टी दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में करेगी।
पार्टी ने धूमल की अन्य विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार ड्यूटी लगा दी है। भाजपा ने रणनीति के तहत शुरुआती चरण में धूमल से प्रचार करवाने का कार्यक्रम जारी किया। प्रचार तेज होने पर धूमल को अगर सुजानपुर में अधिक समय देना पड़े तो आखिरी चरण में उनके पास पर्याप्त समय रहे।
दोनों अध्यक्षों को उनके चुनावी क्षेत्रों में समिति रखने के लिए विपक्षी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। भाजपा के पहले दौर के जारी प्रचार कार्यक्रम में केवल धूमल ही एकमात्र नेता हैं जो दूसरी जगह प्रचार को जा रहे हैं।