हनीप्रीत करना चाहती थी बाबा की देखभाल, अब खुद हुई एक साथ कई’ बीमारियों का शिकार

रेपिस्ट बाबा गुरमीत राम रहीम की तिमारदार बनकर उसके साथ जेल में रहने का सपना देखने वाली हनीप्रीत खुद भी एक दिन जेल की सलाखों के पीछे पहुंच जाएगी, ऐसा उसने कभी नहीं सोचा था. अब उसे जेल में खुद एक तिमारदार की ज़रूरत पड़ रही है, क्योंकि वहां उसे कई बिमारियों ने घेर लिया है.हनीप्रीत करना चाहती थी बाबा की देखभाल, अब खुद हुई एक साथ कई' बीमारियों का शिकार

दरअसल, गुरमीत राम रहीम को पुलिस की गिरफ्त से छुड़वाने में नाकाम रही हनीप्रीत इंसा खुद उसके साथ जेल में रहना चाहती थी. इस चाहत को पूरा करने के लिए बाकायदा एक फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट तैयार करवाया गया था. जिसमें साफ लिखा था कि हनीप्रीत गुरमीत राम रहीम की अटेंडेंट है. वह उसकी बीमारियों से वाकिफ है. इसलिए उसका बाबा के करीब रहना निहायत ही जरुरी है, क्योंकि गुरमीत राम रहीम अनफिट है.

लेकिन जेल प्रशासन ने पहले से ही डॉक्टरों की एक टीम का इंतजाम किया हुआ था. जिसने गुरमीत राम रहीम की मेडिकल जांच करके उसे फिट करार दे दिया था. और तभी गुरमीत राम रहीम और हनीप्रीत का एक साथ रहने का सपना चूर-चूर हो गया था.

हनीप्रीत को तिमारदार की दरकार

कभी गुरमीत के महलों में रानी की तरह रहने वाली हनीप्रीत इंसा आज जेल की सलाखों के पीछे बदतर हालत में हैं. 9 दिनों तक पुलिस लॉकअप में रहने के बाद अब उसे अगले 23 दिन अंबाला सेंट्रल जेल में बिताने हैं, क्योंकि मामले की अगली सुनवाई 6 नवंबर को निर्धारित की गई है. मखमली गद्दों पर सोने वाली हनीप्रीत के लिए जेल में अब एक मैली कुचैली दरी है और सेल नंबर 11 का कठोर फर्श.

कभी बाबा गुरमीत के साथ डेढ़ करोड़ रुपये से भी ज्यादा कीमत की लग्जरी कार में घूमने वाली हनीप्रीत इंसा कैदियों की वैन में बैठकर अंबाला पहुंची. वो भी वैन की सीट पर नहीं बल्कि सीट के फर्श पर बैठकर. ताकि लोगों की नजर उस पर न पड़े.

थाने में धुनाई

पिछले दो महीनों से भी ज्यादा समय के दौरान हनीप्रीत इंसा अब कष्ट भारी जिंदगी जी रही है. सूत्रों की मानें तो पंचकूला के सेक्टर 23 थाने में रिमांड पर लिए जाने के बाद पुलिस अधिकारियों ने एक रात उसकी जमकर धुनाई भी की थी, ताकि वह सारे राज उगल दे.

तिमारदार की ज़रूरत

शारीरिक और मानसिक तकलीफ झेल रही हनीप्रीत का वजन भी कम हो गया है. साथ ही उसे माइग्रेन सहित कई बिमारियों ने भी घेर लिया है. उसके चेहरे से रौनक गायब है. वह बीमार नजर आती है. उसे आराम चाहिए. हालात ये है कि अब उसे खुद एक तिमारदार की जरूरत है. उसकी बीमारी बढ़ रही है और खाना-पीना कम हो गया है.

राम रहीम की फिक्र

जेल में तकलीफ भरी जिंदगी जी रही हनीप्रीत इंसा को अभी भी गुरमीत राम रहीम की चिंता लगी रहती है. गुरमीत के प्रति उसका लगाव और मोह कम नहीं हुआ है. 9 दिनों की पुलिस रिमांड के दौरान हनीप्रीत ने कई बार गुरमीत राम रहीम से मिलने की इच्छा जाहिर की थी. उसने डॉक्टरों को कहा था कि बाबा को कमर दर्द रहता है. वह उससे मिलना चाहती है. इस बीच करवाचौथ, दशहरा और दिवाली जैसे कई बड़े त्यौहार गुजर गए. जेल में जब उसके मां-बाप मिलने पहुंचे तो वह फूट-फूट कर रोने लगी. वो अपने घरवालों से ढेर सारी बातें करना चाहती थी, लेकिन समय खत्म हो गया.

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मेडिकल प्रमाणपत्रों की होगी जांच

गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम और हनीप्रीत ने डेरा के दो डॉक्टरों और दिल्ली के दो नामी डॉक्टरों की मदद से एक झूठी मेडिकल रिपोर्ट बनवाई थी. जिसके आधार पर हनीप्रीत इंसा एक अटेंडेंट के तौर पर बाबा के साथ जेल में रहना चाहती थी. वो मेडिकल रिपोर्ट पुलिस के हाथ लग गई. उसकी एक कॉपी आज तक के पास भी मौजूद है. अब पुलिस गुरमीत के फर्जी मेडिकल के अलावा विपासना इंसा के मेडिकल सर्टिफिकेट की भी जांच करवाना चाहती है. साफ है कि हनीप्रीत और गुरमीत के अलावा उन डॉक्टरों की भी तकलीफ बढ़ने वाली है, जिन्होंने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट उपलब्ध करवाए थे.

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