जानिए कैसे? हार्दिक पटेल की मांगों से कैसे बढ़ेगी कांग्रेस की मुश्किलें

गुजरात की सियासी रण क्षेत्र में विधानसभा चुनाव की बिसात बिछाई जाने लगी है. गुजरात की जंग को फतह करने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी रणभूमि में उतर चुके हैं. पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने राहुल गांधी से ताज होटल में मुलाकात करके अपनी मांगे रखी. हालांकि, हार्दिक और कांग्रेस दोनों इस मुलाकात से इंकार कर रहे हैं. लेकिन कांग्रेस के लिए हार्दिक की मांगें गले की फांस बन सकती हैं. कांग्रेस के लिए इन मांगों को पूरा करना आसान नहीं होगा.जानिए कैसे? हार्दिक पटेल की मांगों से कैसे बढ़ेगी कांग्रेस की मुश्किलें

हार्दिक पटेल की तीन प्रमुख शर्तें

हार्दिक पटेल ने राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान पाटीदार समाज की कई मांगे रखी है. हार्दिक राहुल से ही नहीं बल्कि कांग्रेस के प्रभारी अशोक गहलोत के सामने भी अपनी शर्तें रखी है. पहली शर्त पाटीदार आरक्षण, दूसरी शर्त जीत होने पर सरकार में भागीदारी, तीसरी शर्त राष्ट्रद्रोह के केस जुड़ा है.

हार्दिक चाहते हैं कि कांग्रेस ये साफ करे कि किस तरह और संविधान के किस प्रावधान के जरिए कांग्रेस अगर सत्ता में आती है, तो पाटीदारों को आरक्षण देगी. कांग्रेस अगर सत्ता में आती है तो, सरकार में पाटीदारों की कितने प्रतिशत नेतृत्व मिलेगा. इसके साथ ही पाटीदारों पर हुए राष्ट्रद्रोह के केस वापस लेना और पाटीदार युवाओं की हत्या के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही. इसके अलावा उन सीटों पर पाटीदार समुदाय के लिए टिकट की मांग की है, जहां पाटीदारों की संख्या अधिक है.

हार्दिक की मांगे कांग्रेस के लिए मुसीबत का सबब

हार्दिक की शर्तों को पूरा करना कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर है. हार्दिक की पाटीदार समुदाय के लिए 10 फीसदी आरक्षण की मांग को पूरा करना कांग्रेस के लिए सबसे मुसीबत का सबब है. गुजरात में फिलहाल 49.5 प्रतिशत आरक्षण लागू है, जिसे बढ़ाया नहीं जा सकता है. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश है कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता है.

कांग्रेस पाटीदारों को ओबीसी की कटैगरी में शामिल करती है, तो ओबीसी में नाराजगी बढ़ सकती है. गुजरात का ओबीसी समुदाय कांग्रेस का परंपरागत वोटर माना जाता है. ऐसे में कांग्रेस अपने मूल वोटर को नाराज नहीं कर सकती है. क्योंकि पटेल आरक्षण की मांग जिस समय उठी थी, उसी समय ओबीसी समुदाय ने भी पाटीदारों के मांग के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. कांग्रेस पाटीदारों को संवैधानिक तौर पर आरक्षण की मांग को पूरा करना मुसीबत का सबब बन सकता है.  

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हार्दिक के चहेतों को टिकट देना मुश्किल

हार्दिक की दूसरी मांग है कि पटेल बाहुल्य सीटों पर उनके चहेते पाटीदारों को कांग्रेस उम्मीदवार बनाए. सूत्रों के मुताबिक हार्दिक ने कांग्रेस से करीब दो दर्जन सीटों की मांग रखी है. कांग्रेस अगर हार्दिक के चहेतों को उम्मीदवार बनाती है, तो कांग्रेस के लिए जो पहले से तैयारी कर रहे हैं. उनकी नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है. राहुल ने कहा था कार्यकर्ताओं को देंगे बाहरवालों को नहीं. ऐसे में हार्दिक की मांगों को पूरा करना के लिए अपनी कही बात को राहुल गांधी को पलटना होगा. इसके अलावा हार्दिक सरकार में हिस्सेदारी की भी मांग कर रहे हैं, जिस पर कांग्रेस राजी होती हैं तो  अल्पेश और जिग्नेश भी राहुल के सामने अपनी शर्तें रख सकते हैं.

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