गुजरात विधानसभा चुनाव: कांग्रेस के लिए 2012 नतीजे के अंतर को ख़त्म करना आसान नहीं है?
गांधीनगर: गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों का आज ऐलान हो सकता है. इससे पहले ही राज्य में चुनावी घमासान शुरू हो चुका है. पाटीदार नेताओं को अपने पाले में करने की कवायद से लेकर विकास के मुद्दे पर एक दूसरे की खिंचाई बीजेपी और कांग्रेस के नेता कर रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी गुजरात में जहां विकास को मुद्दा बनाने के लिए एक ही महीने में ताबड़तोड़ दौरे कर चुके हैं तो कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी हर मंच ‘विकास पागल हो गया’ का जुमला उछाल रहे हैं. जीएसटी को वह गांधीनगर की रैली में ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बता चुके हैं. फिलहाल गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रचार अभी पूरे चरम पर आना बाकी है लेकिन एक बात तो साफ हो गई है कि जिस तरह से पाटीदारों और दलित-ओबीसी नेताओं को लेकर समीकरण बैठाए जा रहे हैं, जातिगत राजनीति से गुजरात भी अछूता नहीं है.
अगर बात करें 2012 के विधानसभा चुनाव की नरेंद्र मोदी की अगुवाई में लड़ा गया यह चुनाव विकास और सॉफ्ट हिुंदुत्व के एजेंडे पर ही लड़ा गया था. कांग्रेस यहां बुरी तरह से पस्त हुई थी. कांग्रेस की रणनीति में पूरी तरह से फेल नजर आई थी. इसी चुनाव के बाद से ही मोदी प्रधानमंत्री पद के दावेदार बन गए थे.
किसको आई थीं कितनी सीटें
भारतीय जनता पार्टी- 119
कांग्रेस- 57
गुजरात परिवर्तन पार्टी- 2
अन्य- 1
जनता दल युनाइटेड- 1
एनसीपी-2
कुल- 182 सीटें
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अभी क्या है विधानसभा स्थिति
बीजेपी-118
कांग्रेस-43
खाली- 15
जेडीयू- 1
जीपीपी- 2
एनसीपी- 2