पटना: अब एमए और पीएचडी वाले अब चलाएंगे राशन की दुकान…जानिए पूरा मामला!
पटना: अगली बार जब आप बिहार की राजधानी पटना या इसके आसपास के गांव में घूम रहे हों और कोई राशन की दुकान वाला यह बताए कि वह एमए, पीएचडी या इंजीनियरिंग की डिग्री वाला है तो चौंकिएगा मत. अगले कुछ महीने में ऐसा ही होने जा रहा है. पटना जिले में करीब 2600 राशन की दुकानें थीं, लेकिन इनमें से कई दुकानें बंद हो गईं. इस वजह से लोगों को काफी दूरी तय कर समान लेने जाना पड़ता था. जिला प्रशासन ने करीब 171 दुकानों के लिए आवेदन मांगे, जिसके लिए 2000 लोगों ने आवेदन दिए. पटना के जिलाधिकारी संजय अग्रवाल के अनुसार इनमें से 105 ग्रेजुएट हैं. 31 के पास मास्टर्स की डिग्री है. एक सज्जन ने बी. टेक किया हुआ है और एक व्यक्ति ने मगध यूनिवर्सिटी से ‘प्राचीन युग में मनोरंजन के साधन’ नामक टॉपिक पर पीएचडी की है. चुने गए लोगों में 93 महिला हैं.
निश्चित रूप से अधिकांश लोगों ने बेरोजगारी से तंग आकर राशन की दुकान चलाने का फैसला किया है. लेकिन जिला प्रशासन को उम्मीद है कि पढ़े-लिखे लोगों के इस काम के लिए आगे आने से आम लोगों को और सुविधा होगी, साथ ही सरकार उनके माध्यम से नए-नए राशन के दुकानों के माध्यम से प्रयोग कर सकती हैं. हालांकि राज्य में बेरोजगारों को क्या स्थिति है, यह उसकी एक बानगी भी है.
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सरकारी नौकरियों में भर्ती की प्रक्रिया मंद गति से चलने के कारण लोग उम्मीद छोड़कर अब कोई भी काम करने को तैयार हैं. किसी भी नौकरी के लिए बड़ी तादाद में लोग आवेदन देते हैं.