सारी उम्र ‘खिलजी’ को डराती रही ‘पद्मावती’ की चीखें, इन ‘गंदे शौको’ की वजह से हुई थी हत्या
फिल्म पद्मावती का ट्रेलर आ चुका है। फिल्म का शानदार ट्रेलर इसके सबसे फेमस कैरेक्टर अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के बारे में काफी कुछ बयाँ कर रहा है।
फिल्म तो जब आयेगी तब आयेगी लेकिन उससे पहले हम आपको अलाउद्दीन खिलजी के बारे में कुछ ऐसी बाते बताने जा रहे हैं जो शायद आपको फिल्म में भी न देखने को मिले। इस फिल्म में अलाउद्दीन का किरदार रणवीर सिंह निभा रहे हैं। फिल्म के ट्रेलर में रणवीर की डेडली लुक की हर कोई तारीफ कर रहा है। तो चलिए जानते हैं असल जिंदगी में अलाउद्दीन खिलजी कैसा था।
रानी पद्मावती की कहानी दिखाएगी फिल्म
निर्देशक संजय लीला भंसाली रानी पद्मावती पर फिल्म बना रहे हैं। यह फिल्म उस वक्त अचानक सुर्खियों में आ गई जब रानी पद्मावती पर फिल्म बनाने के कारण करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने भंसाली को पीट दिया था। करणी सेना का आरोप लगाया था कि भंसाली अपनी फिल्म में रानी पद्ममिनी (पद्मावती) के जीवन से जुड़े तथ्यों को तोड़-मड़ोरकर पेश करने वाले हैं। रानी पद्मावती के बाद सबसे ज्यादा चर्चा खिलजी वंश और दिल्ली सल्तनत के दूसरे शासक खिलजी कि होती है। जिसने 1296 से 1316 तक दिल्ली पर राज किया। इतिहास खिलजी को जैसे भी याद करे लेकिन साहित्य में खिलजी एक खलनायक है जो राजपूत रानी पद्मिनी को पाने के लिए क्रूरता की सभी सीमाएं पार कर गया। ये बहुत कम लोग जानते हैं कि अल्लाउद्दीन खिलजी का एक इतिहास ऐसा है जो काफी विवादों में रहा।
गुलाम मलिक काफूर पर फिदा था खिलजी
आज हम आपको अल्लाउद्दीन खिलजी के बारे में कुछ ऐसा बताने जा रहे हैं जिसका जिक्र दिल्ली सल्तनत के प्रमुख विचारक और लेखक जियाउद्दीन बरनी ने किया है। बरनी ने अपनी चर्चित किताब “तारीख-ए-फिरोजशाही” में खिलजी और काफूर के नापाक इश्क का जिक्र किया है। बरनी ने अपनी किताब “तारीख-ए-फिरोजशाही” में लिखा है खिलजी काफूर को देखकर मुग्ध हो गया था।
काफूर केवल खिलजी का प्रेमी होने के साथ साथ एक बहादुर योद्धा भी था। काफूर से खिलजी को इतना प्यार था कि उसने उसे अपने शासन में दूसरा सबसे अहम ओहदा (मलिक नायब) दिया था। इतिहासकारों के अनुसार खिलजी की हत्या की साजिश काफूर ने ही की थी।
हजार राजपूत रानियों के संग सती हो गई थी पद्मावति
मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य पद्मावत (1540 ईसवी) के अनुसार, खिलजी इतना क्रुर था कि उसने पद्मावति के लिए उनके राज्य पर आक्रमण कर दिया था। उससे बचने के लिए रानी पद्मावति कई हजार राजपूत रानियों के संग सती हो गई थी। आपको बता दें कि जायसी का जन्म खिलजी की मृत्यु के करीब 180 साल बाद 1500 ईसवी के आसपास हुआ था। इसीलिए जायसी द्वारा बताई गयी पद्मावति की कहानी को बहुत से इतिहासकार मिथक मानते हैं। लेकिन, अल्लाउद्दीन खिलजी और एक काले गुलाम मलिक काफूर से प्यार की कहानी को लेकर इतिहासकारों में भी कोई शक नहीं है।