सीएम केजरीवाल की इस नीली कार में छुपे है कई राज, जिसे सुनकर आपको भी नहीं होगा यकीन
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जिस कार की वजह से सुर्खियों में रहे वह कार वीरवार को दिल्ली सचिवालय के बाहर से चोरी हो गई। इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई है। केजरीवाल मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार इसी कार में ऑफिस पहुंचे थे। तब यह काफी सुर्खियों में रही। दिल्ली के सीएम इसे ‘आम आदमी कार’ कहते थे।
सीएम की इस खास कार को ‘आप मोबाइल’ भी कहा जाता था। 2014 में यह खूब सुर्खियों में रही थी जब दिल्ली पुलिस के विवादास्पद खिलाफ प्रदर्शन के दौरान केजरीवाल इस कार का इस्तेमाल कैंप करने और सोने के लिए भी करते थे। इस कार को केजरीवाल के एक प्रशंसक कुंदन शर्मा ने आम आदमी पार्टी को डोनेट की थी। कुंदन शर्मा लंदन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे वो इंडिया अगेंस्ट करप्शन से जुड़े रहे, साथ ही अन्ना के आंदोलन के पक्ष में सोशल मीडिया पर लिखते थे।
दन का घर दिल्ली के द्वारका में है यह गाड़ी उनकी पत्नी श्रद्धा शर्मा के नाम पर थी। कुंदन ने केजरीवाल और आप नेता दिलीप पांडे को ईमेल करके अपनी कार डोनेट करने की इच्छा जताई। 3 जनवरी, 2013 को कुंदन के घर से गाड़ी पिक कर ली गई। आम आदमी पार्टी ने अपने लेटर-हेड पर गाड़ी स्वीकार करने का प्रमाण पत्र दिया। इस पर लिखा है कि इस कार का मालिकाना हक आम आदमी पार्टी के पास होगा और इस पर अब श्रद्धा शर्मा की कोई जवाबदेही या नियंत्रण नहीं रहेगा।
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2014 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद केजरीवाल ने इसमें चलना छोड़ दिया। पार्टी के नेता और वालंटियर इसका इस्तेमाल जरूरत पडऩे पर करते थे। फिलहाल पार्टी की यूथ विंग की इंचार्ज वंदना सिंह इसका इस्तेमाल कर रही थीं। वंदना सिंह ने करीब 11:45 पर दिल्ली सचिवालय के सामने गाड़ी खड़ी की जब वह लौटी तो गाड़ी नहीं मिली। सीसीटीवी में दोपहर 1:04 मिनट पर गाड़ी चोरी होती दिखी। दिल्ली सचिवालय दिल्ली सरकार का हेड क्वार्टर है इसकी तीसरी मंजिल पर सीएम केजरीवाल का दफ्तर है।