आम आदमी को मोदी सरकार ने करोड़पति बनने का दिया ये बड़ा मौका, करना होगा सिर्फ ये, हो जायेंगे मालामाल

नई दिल्‍ली – मोदी सरकार कालेधन और बेनामी संपत्ति पर लगाम के लिए लगातार कोशिशें कर रही है। अब सरकार जल्द ही एक और बड़ी घोषणा करने जा रही है। जिसके तहत आपको अपने पड़ोसी की बेनाम संपत्ति पर नज़र रखनी होगी। आपको बेनामी संपत्ति की जांच कर रही है जांच एजेंसियों को जानकारी मुहैया कराने वाले शख्स को 1 करोड़ रुपये का इनाम दिया जाएगा। जी हां आपने सही पढ़ा सरकार बेनामी संपत्ति की जानकारी देने वालों को करोड़पति बनाने की तैयारी कर रही है। 

आम आदमी को मोदी सरकार ने करोड़पति बनने का दिया ये बड़ा मौका, करना होगा सिर्फ ये, हो जायेंगे मालामाल

ऐसे मिलेंगे इनाम के पैसे

1 करोड़ रुपए की इनाम राशि पाने के लिए आपकी सूचना पुख्ता होनी चाहिए। हालांकि, आपकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। आपको बता दें कि बेनामी संपत्ति कानून को पिछले साल ही संसद में पारित किया गया था। हालांकि, इसमें पहले किसी को इनाम देने का प्रावधान नहीं था, लेकिन अब इसमें बड़ी काली संपत्ति का भंड़ाफोड़ करने वाले शख्स को सरकार इनाम देने की तैयारी कर रही है।

सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है कि बेनामी संपत्ति रखने वालों का पता लगाना आयकर और प्रवर्तन निदेशालय के लिए हमेशा से ही बहुत मुश्किल रहा है। सरकार का ये मानना है कि अब इस तरह इनाम मिलने कि वजह से लोगों से  गुप्त सूचनाएं मिलेंगे जिसके आधार पर बेनामी संपत्तिधारियों को पकड़ना काफी आसान हो जाएगा और इससे पूरे देश में अभियान चलाया जा सकेगा।

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पहले भी मिलते थे इनाम

काली संपत्ति के खबरी को पुरस्कृत करने की व्यवस्था पहले से है। प्रवर्तन निदेशालय, आयकर विभाग , राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) की ओर से अक्सर खबर देने वालों को पुरस्कार दिया जाता रहा है। लेकिन एकमुश्त इतनी बड़ी राशि देने का प्रावधान अब शुरु होने जा रहा है। आपको बता दें कि संसद ने बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन कानून 2016 पिछले साल पारित किया था। जिसके तहत 800 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई थी।

आपको बता दें कि बेनामी संपत्ति का अर्थ ऐसी संपत्ति से है जो व्यक्ति अपनी काली कमाई से दूसरे के नाम पर खरीदता है। यानि दस्तावेजों में वह संपत्ति किसी और के नाम होती है। लेकिन वास्तविक मालिक कोई और होता है। इसमें जो व्यक्ति संपत्ति खरीदने के लिए पैसे देता है वहीं घर या जमीन का मालिक होता है। लेकिन बस कागज पर नाम किसी और का होता है। भारत में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिनके धन का कोई हिसाब-किताब नहीं है।

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