आमिर ने कहा-जानवर काटने से अच्छा उन्ही पैसों से गरीबों को खिलाएं खाना
बकरीद पर कुर्बानी को लेकर चारों ओर बहस छिड़ गई है। कुछ लोग कुर्बानी के खिलाफ है तो कुछ लोग कह रहे हैं कि अल्लाह के लिए कुर्बानी जरूरी है। ऐेसे में सोशल मीडिया पर लोग फिल्म अभिनेता आमिर खान से मांग कर रहे हैं कि वो मुसलमानों को संदेश दे कि हजारों रुपए का बकरा खरीदकर उसे मारने से अच्छा है कि गरीबों को खाना खिला दिया जाए।
वहीं, ईद के अवसर पर लुधियाना की ऐतिहासिक जामा मस्जिद के मुख्य द्वार पर पूरी शानो-शौकत और देश्मक्ति के जज्बा के साथ कार्यक्रम का आयोजन मजलिस अहरार इस्लाम हिन्द द्वारा किया गया। इस अवसर पर पंजाब के शाही इमाम मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने तिरंगा फहराया। जिसके साथ ही राष्ट्रीय गान से माहौल इंकलाबी हो गया।
इस मौके पर विधायक पुत्र हरकरन सिंह वैद, नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उसमान रहमानी लुधियानवी, बिलाल खान, मुस्तकीम अहरार, बाबुल खान, वैद रोहित वर्मा, अंजुम असगर, कारी अल्ताफ उर रहमनज़द अली, शाहनवाज व अन्य लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज को सलाम किया। खुशी के इस मौके पर मिठाइयां बांटी गई।
अभी अभी: बोली कंगना- ऋतिक से ज्यादा खतरनाक करण जौहर नहीं
हीँ जामा मस्जिद के बाहर मौजूद बड़ी संख्या में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की जंग-ए-आजादी में मुसलमानों की कुर्बानियां सबसे अधिक है। मुसलमानों ने स्वतंत्रता संग्राम में सभी धर्मो के लोगों के साथ कंधा से कंधा मिला कर देश के लिए अंग्रेज के खिलाफ सघंर्ष किया।
शाही इमाम ने कहा कि आज भी मुसलमान अपने देश की हिफाजत के लिए हर कुर्बानी के लिए तैयार है। लेकिन कुछ सांप्रदायिक ताकतें अल्पसंख्यकों और दलितों से उनकी आजादी का हक छीनना चाहती है जिसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता। यह देश सभी का है और यहां किसी व्यक्ति विशेष को गुंडागर्दी करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। इस मौके पर मुसलमानों ने एक दुसरे से गले मिल कर शहरवासियों को ईद की मुबारकबाद दी।