डोकलाम मुद्दे पर चीन के साथ-साथ कपकपायें ये पड़ोसी मुल्क, पीएम मोदी बोले…!

डोकलाम विवाद का समाधान ना केवल भारत की कूटनीतिक जीत है बल्कि इसके जरिए उसने चीन के छोटे पड़ोसी देशों को भी कड़ा संदेश दे दिया। दरअसल भारत जहांं एक तरफ लगातार विवादित क्षेत्र से सेना हटाने के बाद कूटनीतिक बातचीत के जरिए विवाद का हल निकालने पर जोर दे रहा था, तो वहीं चीन की ओर से भारत को लगातार युद्ध की धमकियां मिल रही थीं।

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डोकलाम विवाद पर जापान ने भारत का समर्थन किया0

चीन के दबाव में नहीं आएगा भारत

आपको बता दें कि डोकलाम विवाद पर चीन आखिरकार भारत के आगे झुक गया और सीमा से अपनी सेना हटाने के लिए तैयार हो गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों देश डोकलाम बॉर्डर से सेना हटाने को तैयार हो गए हैं। चीन ने यह भी साफ नहीं किया है कि वह भविष्य में डोकलाम में सड़क बनाएगा या नहीं। लेकिन भारत ने यह साफ कर दिया है कि वह चीन के दबाव में नहीं आएगा।

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चीन के पड़ोसी देशों को भारत का कड़ा संदेश

चीन की धमकियों के खिलाफ डोकलाम में भारत की इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि चीन के छोटे पड़ोसी देश इस तरह के विवादों को कूटनीतिक तरीके से हल सकते हैं। डोकलाम समाधान के जरिए भारत ने दूसरे देशों को यह कड़ा संदेश दिया कि सैन्य संकल्प के जरिए ऐसी चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।

जापान के सपोर्ट से भारत को ताकत

डोकलाम विवाद पर जापान ने भारत का समर्थन कियामोदी सरकार में जोखिम लेने की क्षमता
पिछले साल मोदी सरकार द्वारा लिए गए सर्जिकल स्ट्राइक जैसे फैसलों ने भी भारत सरकार की जोखिम लेने की क्षमता को साबित किया था। ये फैसले डोकलाम विवाद पर चीन का सामना करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के लिए काफी प्रभावी साबित हुए।

इन देशों पर होगा खास असर
डोकलाम समाधान वियतनाम, मंगोलिया, सिंगापुर और जापान जैसे देशों को प्रोत्साहित करेगी, जिन्हें चीन के द्वारा लगातार दबाए जाने की कोशिश की जा रही है। इसके साथ ही यह फिलीपींस जैसे देशों के आत्मविश्वास में भी वृद्धि करेगा, जो खुद को एक जगह सीमित किए हुए हैं। इस समाधान के जरिए वे चीन को लेकर पुनर्विचार कर सकते हैं।

जापान के सपोर्ट से भारत को ताकत
बता दें कि डोकलाम विवाद पर जापान ने भारत का समर्थन किया था। भारत के सपोर्ट में जापान के राजदूत ने कहा था कि सेना के बल पर सीमा में बदलाव नहीं किया जा सकता है। जापान के राजदूत केंजी हीरामात्सू ने कहा था कि भारतीय सैनिकों ने चीन को डोकलाम में सड़क निर्माण से रोका। भारत ने शांतिपूर्ण तरीके से चीनी सैनिकों को रोका। जो सीमा पर शांति के लिए जरूरी है।

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