चीन की अभी भी नहीं गई अकड़, भारत को दी सबक सीखने की नसीहत

दो महीने से चल रहे डोकलाम विवाद को भारत और चीन ने बातचीत से सुलझा लिया है. सोमवार को विदेश मंत्रालय की ओर से बयान में कहा गया कि दोनों देशों की सेनाएं डोकलाम से धीरे-धीरे पीछे हटेंगी. लेकिन लगता है कि चीन अभी भी इस मुद्दे पर अपना रुख साफ नहीं कर रहा है. चीनी सेना ने इस फैसले का स्वागत तो किया, लेकिन भारत को नसीहत भी दे डाली.डोकलाम विवाद पर चीन

चीनी सेना के सीनियर कर्नल वु शियान ने कहा कि हम इस मामले के सुलझने से खुश हैं, लेकिन भारत को इस मुद्दे से सबक लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि चीन अभी भी इस मामले पर चौकन्ना रहेगा और अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा. उन्होंने कहा कि मुद्दा सुलझने से इलाके में भी शांति आएगी. हमारा लक्ष्य अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करते हुए एक साथ काम करने का है.

अभी भी गश्त कर रही है चीनी सेना

डोकलाम से जवानों को हटाने की आपसी सहमति की भारत की घोषणा को तवज्जो नहीं देते हुए चीन ने दावा किया कि उसके जवान इलाके में अब भी गश्त कर रहे हैं. पड़ोसी देश की तरफ से कहा गया कि भारत ने अपने जवानों को वापस बुला लिया. हालांकि चीन इलाके में सड़क बनाने की अपनी योजना पर चुप रहा. सड़क बनाने की उसकी योजना के चलते ही सिक्किम के पास डोकलाम इलाके में दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध की स्थिति बन गयी थी. चीन ने कहा कि वह जमीनी स्थिति के साथ सामंजस्य स्थापित करेगा.

इसे भी पढ़े: ब्रिटेन में हुआ भीषण सड़क हादसा, 8 भारतीयों के मारे जाने की खबर

जवानों को हटाने की आपसी सहमति के संबंध में भारत का बयान सोशल मीडिया और चीनी पत्रकारों के बीच वायरल होने के बाद पड़ोसी देश के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने इस तरह की धारणा को खारिज करने का प्रयास किया कि बीजिंग ने अपनी गलती को मान लिया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने अपने जवानों को वापस बुला लिया है.

हुआ ने कहा कि 28 अगस्त की दोपहर में भारत ने ‘‘घुसपैठ करने वाले सभी सैनिकों, संसाधनों को सीमा पर भारत की तरफ वापस बुला लिया.’’ उन्होंने जवानों को वापस बुलाने के समझौते की भारत की घोषणा के बारे में सवालों को काटते हुए कहा, ‘‘मौके पर तैनात चीनी जवानों ने इसकी पुष्टि की है. चीनी पक्ष ऐतिहासिक समझौतों के अनुरूप अपनी संप्रभुता को कायम रखेगा, क्षेत्रीय अखंडता बनाये रखेगा.’’ चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि चीन डोकलाम इलाके में लगातार गश्त कर रहा है. उन्होंने इन सवालों का जवाब भी नहीं दिया कि क्या दोनों देशों के बीच गतिरोध को सुलझाने के लिए कोई आपसी सहमति हुई है.

यह घटनाक्रम तीन से पांच सितंबर तक होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन से पहले हुआ है जो चीन के शियानमेन में आयोजित किया जाएगा. अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत पांच देशों के इस समूह के किसी नेता ने अपनी चीन यात्रा की घोषणा नहीं की है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button