पुल डोडा से 90 KM घटेगी जम्मू-पठानकोट हाईवे की दूरी, बढ़ेंगे रोजगार

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण लखनपुर-बसोहली-बनी-भद्रवाह-पुल डोडा नेशनल हाईवे के लिए डीपीआर तैयार करने का काम लगभग पूरा हो गया है। चिनाब घाटी को जम्मू-पठानकोट नेशनल हाईवे के साथ-साथ दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेस-वे के साथ जोड़ने का भी यह महत्वपूर्ण लिंक साबित होगा। प्रस्तावित डीपीआर में 90 किलोमीटर तक दूरी को कम किया जाना है। इसमें वर्तमान सड़क संपर्क की लगभग 260 किलोमीटर की दूरी को घटाकर 170 किलोमीटर किया जा रहा है। घुमावदार सड़कों को भी हटा दिया जाएगा।

एक दर्जन टनल प्रस्तावित
यात्रा समय को कम करने के लिए लगभग एक दर्जन टनल इस हाईवे पर प्रस्तावित हैं। यही नहीं, खड़ी चढ़ाई की समस्या को खत्म करने के लिए इसकी एलाइनमेंट बीआरओ की सड़क से अलग करने की योजना तैयार की गई है। डीपीआर तैयार करने में जुटे हाईवे प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रस्ताव में लोगों की कई मांगों को भी विशेष रूप से ध्यान में रखा गया है।

बालासुंदरी टनल का प्रपोजल भी शामिल
राजबाग से शुरू होकर बालासुंदरी की पहाड़ियों से गुजरने वाले इस हाईवे में बालासुंदरी टनल का प्रपोजल भी शामिल किया गया है। बसोहली के शीतलनगर से बनी के बीच की दूरी को कम करने के लिए आठ किलोमीटर लंबी टनल भी प्रस्ताव में है, जो सीधा सरथल के निकट निकलकर यात्रा को और सुगम व कम समय का बनाने वाली है। विशेष रूप से बसोहली और बिलावर के इलाकों से भूस्खलन वाले इलाकों को हटाया जा रहा है।

बालासुंदरी के पास धार रोड से यह हाईवे महानपुर से होते हुए सीधा शीतलनगर के इलाके में निकलेगा, जहां से आगे टनल से जुड़ जाएगा। वर्तमान बसोहली बनी सड़क पर कई भूस्खलन वाले क्षेत्र हैं। इससे लगातार सड़क क्षतिग्रस्त होने के मामले सामने आते रहे हैं।

बटोत-डोडा-किश्तवाड़-सिंथन अनंतनाग से होते हुए गुजर रहे नेशनल हाईवे 244 से जुड़ने वाले लखनपुर पुल डोडा हाईवे से घाटी को एक और वैकल्पिक संपर्क मिल जाएगा। ऐसे में यह मार्ग कश्मीर जाने वाले पर्यटकों की भी पसंद रहेगा।

6.8 किमी की छत्रगलां, आठ किमी की शीतलनगर और कई छोटी टनल प्रस्तावित

परियोजना से जुड़े अधिकारी ने बताया कि डीपीआर में चार हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली और छत्रगलां टॉप को बाईपास कर चिनाब रीजन को कठुआ से जोड़ने वाली ऑल वेदर छत्रगलां टनल प्रस्तावित है। इसकी लंबाई 6.8 किलोमीटर होगी और यह 26 किलोमीटर के लंबे सफर को कम कर देगी। यही नहीं, इसके अलावा शीतलनगर की आठ किलोमीटर लंबी टनल भी इसी मार्ग पर होगी। यात्रा समय को और कम करने के लिए लगभग एक दर्जन और छोटी टनलें भी प्रस्तावित की गई हैं।
कठुआ के पर्वतीय इलाकों का होगा कायाकल्प

कठुआ जिले के पर्वतीय क्षेत्र बसोहली, बनी, सरथल प्राकृतिक सौंदर्य से लबालब होने के बावजूद खस्ता सड़क के चलते अनदेखी के शिकार होते रहे हैं। इस राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण से न केवल पूरे इलाके का विकास होगा, बल्कि निर्माण कार्य के दौरान स्थानीय निवासियों को रोजगार से इसका लाभ मिलेगा। वर्तमान में बीआरओ की ओर से की गई सड़क विस्तारीकरण योजना का काम भी अंतिम चरण की ओर बढ़ चला है।

छत्रगलां सुरंग का प्रस्ताव लगभग छह साल पहले शुरू किया गया था और बीआरओ की ओर से डीपीआर भी तैयार कर ली गई थी, लेकिन फंड्स की कमी के कारण इसे शुरू नहीं किया जा सका। अब यह निर्णय लिया गया है कि नेशनल हाईवे प्राधिकरण लखनपुर से बसोहली-बनी से भद्रवाह- पुल डोडा तक नए राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण करेगा।

निर्माण एक छोर से शुरू होगा और जब यह सुरंग स्थल पर पहुंचेगा तो ऐतिहासिक छत्रगलां सुरंग का निर्माण भी किया जाएगा। जब यह राजमार्ग पूरा हो जाएगा तो यह एक गेम चेंजर होगा क्योंकि यह बसोहली और बनी के पर्यटक स्थलों के माध्यम से लखनपुर और जिला डोडा के बीच सभी मौसम में संपर्क प्रदान करेगा। इसके अलावा यात्रा का समय काफी कम होगा और व्यापार, रोजगार और राजस्व सृजन को बढ़ावा मिलेगा। -डॉ. जितेंद्र सिंह केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

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