​राजधानी में 9 फीसदी घटे क्राइम, महिलाओं से ज्यादती के मामले 8 फीसदी बढ़े

भोपाल.भोपाल में पिछले साल की तुलना में इस साल कुल अपराध 9 प्रतिशत घटे हंै। हालांकि महिलाओं से ज्यादती के मामले 8 प्रतिशत बढ़े हैं। पिछले साल ज्यादती के मामलों में 61 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। पुलिस का यह आंकड़ा 30 नवंबर तक का है। अफसरों का दावा है कि पुलिस की मुस्तैदी और बीट में तैनात पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी से अपराधों पर अंकुश लगा है। यह खुलासा भोपाल जोन के चारों जिलों (भोपाल, राजगढ़, विदिशा सीहाेर) के अपराधों की समीक्षा में हुआ है।

– पिछले साल गंभीर अपराधों में 15 हजार 902 एफआईआर दर्ज की गई थी। इस साल यह आंकड़ा 14 हजार 517 पर आ गया है। पिछले साल कुल अपराधों में जहां छह प्रतिशत कमी थी। वहीं, इस साल 9 प्रतिशत तक की कमी आई है। अपराधों में कमी के पीछे डीआईजी संतोष सिंह का कहना है कि बदमाशों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई अधिक हुई हैं।

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प्रतिबंधात्मक कार्रवाई से बदमाशों पर नकेल कसी

– भोपाल पुलिस ने इस साल प्रतिबंधात्मक धाराओं में 22 हजार 294 बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजा। जो पिछले साल की तुलना में 21 प्रतिशत ज्यादा है। बदमाशों से बाॅन्ड भराए। पिछले साल 18,402 बदमाशों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं में कार्रवाई की गई थी। इसके अलावा पुलिस ने साधारण मारपीट के मामलों में दोनों पक्षों को समझाइश दी।

राजगढ़ में 21% अपराध घटे

सीहोर में पिछले साल की तुलना में इस साल अपराध 9 % बढ़े हंै। हालांकि राजगढ़ में 21% की कमी आई है। विदिशा में भी अपराध 9 % तक घटे हैं। भोपाल जोन के चारों जिलों के अपराधों का ग्राफ औसतन 9 प्रतिशत कम हुआ है।

सुपरविजन लेवल बढ़ा

– पुलिस का जनता से संवाद बढ़ा है। पुलिस संवेदनशील हुई है। पुलिस की एप्रोच बढ़ने से भी अपराधों में कमी आई है। चेकिंग से पुलिस की सड़क पर मुस्तैदी से बदमाशों में दहशत है।
जयदीप प्रसाद, आईजी, भोपाल जोन

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इन कारणों से राजधानी में अपराध हुए कम

– बदमाशों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं में कार्रवाई की गई।
– सड़कों पर पुलिस की उपस्थिति बढ़ी। चैकिंग अभियान से बदमाशों में दहशत फैली।
– बीट में तैनात पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी तय की गई।
– पुलिस ने छोटे विवाद या घटना को संज्ञान लेकर निराकरण किया।
– महिला पीसीआर की संख्या बढ़ाई गई।

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