लीजिए ये रहा, योगी आदित्यनाथ पर हुए ‘जानलेवा हमले’ का रियल वीडियो
व्हाट्सऐप पर नया बवाल आया है. एक वीडियो तैर रहा है जिसे “योगी आदित्यनाथ पर छात्रों का जानलेवा हमला” बताया जा रहा है. मैसेज देखो पहले
असली बात ये है कि ये कोई जानलेवा हमला नहीं है. लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्रों का प्रदर्शन था. उनकी कुछ डिमांड्स थीं जिनको रखने के लिए वो सीएम के काफिले को घेरकर नारेबाजी करने लगे थे. तानाशाही नहीं चलेगी के नारों के साथ काले झंडे दिखा रहे थे. कुछ के सिरों पर लाल टोपियां थीं. ये लोग समाजवादी छात्र सभा के नेता कम स्टूडेंट्स थे. वीडियो में आप देख सकते हैं कि जैसे ही सीएम का काफिला गेट नंबर एक से गुजरा, सारे मिलकर घेर लिए और नारे लगाने लगे. पुलिस वालों ने शांति लेकिन तेजी से उनको निपटाया भैया रोड पर सीएम के सामने लाठी नहीं भांज सकते थे न. इसलिए उनको उठाकर पुलिस की गाड़ियों में भरा और निकल गए.
भाजपा कार्यक्रम का विरोध था
इनकी डिमांड्स एकदम क्लियर थीं. LU में एक कल्चरल प्रोग्राम रखा गया था जिसमें शरीक होने सीएम पहुंच रहे थे. इस प्रोग्राम का नाम था हिंदवी साम्राज्य दिवस. छात्रों का कहना था कि ये कार्यक्रम भाजपा का है लेकिन इसमें पैसे स्टूडेंट्स के फंड से लग रहे हैं. स्पोर्ट्स फंड का करीब 25 लाख रुपया इसमें फुंक गया. पार्टी के कार्यक्रम के लिए कॉलेज का पैसा क्यों खर्च किया जा रहा है?
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स्टूडेंट्स हो गए सस्पेंड
नारेबाजी और झंडेबाजी करने वाले 8 स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी ने सस्पेंड कर दिया. सतवंत सिंह, नितिन राज, पूजा शुक्ला, अनिल यादव, अंकित कुमार सिंह, राकेश कुमार, मधुर्य सिंह और अपूर्वा वर्मा. ये उन स्टूडेंट्स के नाम हैं. इन लोगों के कैंपस में घुसने पर भी रोक है. जिनको पुलिस उठाकर ले गई उनकी अभी जमानत नहीं हुई है.
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सीएम बड़े खफा थे
मामूली मामला तो था नहीं, सीएम को घेरा था. सीएम गुस्सा गए. उन्होंने लखनऊ के डीएम कौशल राज शर्मा और एसएसपी दीपक कुमार को बुलावा भेज दिया. उनका गुस्सा उनकी स्पीच में भी दिखा था जो कार्यक्रम में दी. वहां उन्होंने बता दिया कि छात्र वामपंथी हैं, इनको अपने इतिहास पर गर्व नहीं है. विवेकानंद को कोट करते हुए कहा कि जिसको अपने इतिहास पर गर्व नहीं है वो कभी अपना भूगोल नहीं बचा सकते. वामपंथियों ने स्वाधीनता की लड़ाई में अंग्रेजों का साथ दिया था, 62 की लड़ाई में चीन का साथ दिया था.