8 अरब साल बाद कैसी दिखेगी धरती, खगोलविदों को मिल गई पहली झलक
हम सब भविष्य के बारे में जानने की ख्वाहिश रखते हैं. इसीलिए ज्योतिषी के पास जाते हैं. कुंडली दिखाते हैं. क्योंकि अगर हमें पहले की घटनाओं के बारे में आज अंदाजा हो जाए, तो उस हिसाब से पहले से तैयारी की जा सके. लेकिन कभी आपने सोचा कि आज से हजारों-लाखों सालों बाद धरती कैसी दिखेगी? वैसे तो तमाम टाइम ट्रैवलर्स इसे लेकर दावे करते रहते हैं, लेकिन उनकी बातों में सच्चाई कम अफवाह ज्यादा होती है. लेकिन पहली बार खगोलविदों को धरती की ऐसी झलक मिली है, जिसे देखकर वे हैरान हैं. दरअसल, उन्हें अंतरिक्ष में एक ग्रह मिला है, खगोलविदों का मानना है कि 8 अरब साल बाद हमारी धरती भी बिल्कुल उसकी तरह दिखेगी.
लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, KMT-2020-BLG-0414 नाम का यह ग्रह धरती से 4,000 प्रकाश वर्ष दूर पाया गया है. यह एक चट्टानी ग्रह है, जो एक सफेद तारे की परिक्रमा कर रहा है. यह तारा सूर्य की तरह दहक रहा है. वैज्ञानिकोंं का अनुमान है कि हमारा सूर्य भी 5 अरब वर्षों बाद इसी सफेद तारे की तरह नजर आया और सिकुड़कर काफी छोटा हो जाएगा. उससे पहले यह एक लाल विशालकाय ग्रह में बदल जाएगा. हो सकता है कि यह बुध, शुक्र और शायद पृथ्वी को भी निगल जाए. लेकिन अगर धरती बच जाती है, तो अंतरिक्ष में मौजूद इसी ग्रह की तरह नजर आएगी. खगोलविदों की यह रिसर्च नेचर एस्ट्रोनॉमी में पब्लिश हुई है.
पता नहीं तब तक धरती बचेगी या नहीं…
रिसर्च टीम के सदस्य और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो के खगोलशास्त्री केमिंग झांग ने कहा, अभी हमारे पास इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि 6 अरब साल बाद हमारी धरती बचेगी या नहीं. या फिर लाल विशालकाय सूर्य उसे निगल लेगा. लेकिन अगर ऐसा हुआ तो उससे काफी पहले धरती इतनी गर्म हो जाएगी कि महासागरों का पानी भाप बनकर उड़ जाएगा. धरती पर कोई भी जीव, पेड़ पौधे नहीं बचेंगे. सब भस्म हो जाएंगे. धरती बिल्कुल इस ग्रह की तरह चट्टानी हो जाएगी.
2020 में भी दिखा था ये ग्रह
खगोलविदों ने इस ग्रह को पहली बार 2020 में देखा था, तब यह हमारी आकाशगंगा के सेंटर में प्वाइंट के पास था और 25000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक तारे के प्रकाश के सामने से गुजरा था. लेकिन गुरुत्वाकर्षण की वजह से इसका आकार बार-बार बदलता जा रहा है, जिससे इसका स्वरूप अलग हो गया है. यह जिस तारे की परिक्रमा कर रहा है, वह धरती से दोगुना बड़ा है. इस तारामंडल में एक भूरा बौना ग्रह भी है, जो बृहस्पति ग्रह के वजन से 17 गुना भारी है.