राजधानी की इन बेटियों के जज्बे को सलाम करे, देख नहीं सकती पर छू लिया आसमान

जिद हो…जुनून हो…कामयाबी मिलकर रहेगी। ये साबित किया है राजधानी की बेटियों ने। वह देख नहीं सकती… वह चल नहीं सकती…पर कामयाबी उनका जुनून है। मूलमंत्र है…। इसी मूलमंत्र से इन बेटियों ने आईसीएसई व आईएससी में जबर्दस्त कामयाबी की इबारत लिखी।
राजधानी की इन बेटियों के जज्बे को सलाम करे, देख नहीं सकती पर छू लिया आसमान
 

लखनऊ पब्लिक स्कूल्स एंड कॉलेजेज की छात्रा आंचल
लखनऊ पब्लिक स्कूल्स एंड कॉलेजेज की छात्रा आंचल सैनी जन्‍म से दृष्टिबाधित हैं। उसे दसवीं में 85.2 प्रतिशत अंक मिले हैं। दरअसल आंचल ने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाया। मां सीमा और पिता जगदीश सैनी कहते हैं कि शुरुआत में अक्सर चिंता होती थी कि आंचल का क्या होगा। आंचल ने अपनी कमजोरी के आगे घुटने नहीं टेके ओर दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ने लगी।

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आंचल की इस कामयाबी के पीछे स्कूल के शिक्षकों, दोस्तों और परिवार का भी पूरा साथ रहा। दोस्तों की कॉपी से परिवार के सदस्य नोट्स बोलकर रिकॉर्ड करते थे और वह उन रिकॉर्ड्स को सुनकर नोट्स को कंठस्‍थ करती थी।

शिक्षक नोट्स देते समय आंचल की स्थि‌ति का भी पूरा ख्याल रखते थे। यह आंचल की प्रतिभा ही है जो क्लास एक से ही रेगुलर बच्चों के साथ पढ़ाई कर रही है। संगीत का शौक रखने वाली आंचल आरजे बनना चाहती है। कहती है कि कल के लिए कुछ भी न छोड़ो। (अपनी बहन के साथ आंचल)

 

व्हीलचेयर से उठ नहीं सकती, चूम लिया शिखर
अपर्णा आस्टियो जेनेसिस इम्परफेक्टा बीमारी से पीड़ित है, जिसके कारण उसे सारी जिन्दगी व्हीलचेयर पर ही रहना पड़ेगा। उसने अक्षमता को अपनी सबसे बड़ी ताकत बना लिया। व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे उसने चूम लिया शिखर। काउंसिल के रिजल्ट में 95 फीसदी अंक हासिल करने वाली सीएमएस की छात्रा अर्पणा नारायण श्रीवास्तव बचपन से ही चल नहीं सकती है।

उसने हिम्मत नहीं हारी। कड़ी मेहनत के दम पर अर्पणा ने 12वीं में 95 फीसदी अंक हासिल करके खुद को सशक्त साबित किया है। अपर्णा के पिता अतुल नारायण श्रीवास्तव जीएसआई में कार्यरत हैं। मां कीर्ति नारायण श्रीवास्तव गृहिणी हैं।

इंग्लिश में 91, कॉमर्स में 98, इकोनॉमिक्स में 96, अकाउंट्स में 90, कम्प्यूटरसाइंस में 95 नंबर हासिल करने वाली अर्पणा बीकॉम के बाद एमबीए करना चाहती है। अपर्णा ने कहा कि इंसान को खुद से ही सीखना चाहिए। उसका सबसे पहला संघर्ष खुद से ही है।

 

…इधर पंखुरी ने हासिल किए 97.25 फीसदी अंक
अपने सौन्दर्य के लिए देश और दुनिया में सराही गई पंखुरी गिडवाणी ने अपनी बुद्धिमता का परचम भी लहराया है। सोमवार को घोषित हुए सीआईसीएसई की बारहवीं के नतीजों में उसने 97.25 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। पंखुरी लामार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज की स्टूडेंट हैं। वह इस समय मुंबई में हैं।

अपनी इस सफलता पर पंखुरी ने कहा कि जब मैं ग्लैमर की दुनिया से फिर शिक्षा की ओर लौटी तो मेरे सामने काफी दुविधा और द्वंद्व की स्थिति थी लेकिन मैंने अपना पूरा ध्यान पढ़ाई की ओर लगाया और इसका नतीजा अब सबके सामने है। राजधानी की इस बेटी को मिस इंडिया 2016 में द्वितीय रनर अप का खिताब मिला था। वह आगे की पढ़ाई मुंबई से ही करना चाहती है।

 
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