बुजुर्गों द्वारा नोटबंदी के बाद उनके खातों में पांच लाख रुपयों तक की जमा पर नही होगा, वेरिफिकेशन

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों द्वारा नोटबंदी के बाद उनके खातों में पांच लाख रुपये तक की जमा पर आगे कोई वेरिफिकेशन नहीं करेगा। हालांकि, अन्य लोगों के लिए यह सीमा 2.5 लाख रुपये रखी गई है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।बुजुर्गों द्वारा नोटबंदी के बाद उनके खातों में पांच लाख रुपयों तक की जमा पर नही होगा, वेरिफिकेशन
अधिकारी ने कहा, ‘घबराने की कोई वजह नहीं है। हम 8 नवंबर से 30 दिसंबर 2016 तक बैंक खातों में राशि जमा करवाने वाले हर खाताधारक के पीछे नहीं पड़ रहे। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट किन जमाओं के लिए वेरिफिकेशन करेगा इसकी स्पष्ट सीमा तय की गई है। यह वेरिफिकेशन के लिए है न की जांच या आकलन के लिए।’

अधिकारी के अनुसार, वेरिफिकेशन ऑनलाइन किया जाना है और 70 साल तक की आयु के जिस भी व्यक्ति ने 2.5 लाख रुपये से अधिक की नकदी जमा करवाई है वे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर जाकर जमाओं के स्रोत के बारे में बताएं। अधिकारी के अनुसार अगर जमाएं पहले की इनकम टैक्स रिटर्न से मेल खातीं हैं तो वेरिफिकेशन को उसी समय अपने आप रोक दिया जाएगा। हां, अगर जमाकर्ता वेरिफिकेशन नहीं करता है या किसी तरह का संदेह होता है और जमाएं आय के ज्ञात स्रोत से मेल नहीं खातीं तो आगे स्पष्टीकरण मांगे जाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘70 साल तक की आयु के लोगों के लिए उनके खातों में जमा की सीमा ढाई लाख रुपये तक है, जबकि 70 वर्ष या इससे अधिक वर्ष के बुजुगों के बैंक खातों में यह सीमा पांच लाख रुपये तक है। इसमें जमा राशि का स्रोत घरेलू बचत या पहले की कमाई से की गई बचत है और जहां उस व्यक्ति की कोई कारोबारी आय नहीं है।’
अधिकारी ने कहा कि इससे अधिक जमाओं के मामले में भी जो स्पष्टीकरण मांगा जायेगा वह बिना कारण-बताओ नोटिस या किसी भी नोटिस के बिना होगा। इसमें केवल ई-वेरिफिकेशन होगा, कोई तीसरे पक्ष द्वारा वेरिफिकेशन अथवा जांच नहीं होगी।

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