60 साल के इतिहास में ऐसा हुआ पहली बार, राज्यसभा में लगा अब तक का सबसे बड़ा झटका !

लाल दुर्ग को पश्चिमी बंगाल से बेहद करारा झटका लगा है और उनके साथ ये काम पिछले 60 साल के इतिहास में पहली बार हुआ है ।

RBI ने ब्याज दरों में किया बड़ा ऐलान, सपनों के घर के लिए करें इंतजार
ग़ौरतलब है कि पश्चिमी बंगाल में कम्युनिस्ट पार्टियों का बुरा हाल केवल वहाँ की विधानसभा में तो हो ही चुका है अब राज्यसभा में भी यही सब होने जा रहा है । बता दें कि राज्यसभा के 60 साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब बंगाल से लेफ्ट पार्टी का राज्यसभा चुनाव में एक भी उम्मीदवार नहीं है ।असल में ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा उम्मीदवार विकास रंजन भट्टाचार्य का नामांकन बीते सोमवार को खारिज कर दिया जिससे तृणमूल कांग्रेस के पांच और कांग्रेस के एक उम्मीदवार के निर्विरोध निर्वाचित होने का रास्ता साफ हो गया है । इस वजह से इस बार पश्चिम बंगाल का कोई लेफ्ट उम्मीदवार राज्य सभा में नहीं जा सकेगा ।
हालाँकि दूसरी तरफ़ माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती ने तृणमूल कांग्रेस पर आरोप लगाया कि नामांकन खारिज होने के पीछे षडयंत्र है । उन्होंने कहा, ‘हम इसके लिए कानूनी सलाह लेंगे.’ उन्होंने यह भी कहा, “यह निर्णय पहले ही ले लिया गया था कि इसे रद्द किया जाएगा , तृणमूल विकास भट्टाचार्य की उम्मीदवारी से परेशान था. फैसला लेने में 48 घंटे लग गए, जिससे यह साबित होता है कि हमारे तर्को में सच्चाई है.”
इन राशियो के लोग होते है सबसे हॉट, सेक्स रोमांस के लिए सबसे बेहतर
बताते चलें कि माकपा की केंद्रीय समिति ने पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी को तीसरी बार राज्य सभा ना भेजने का फैसला लिया था । लेकिन अब वामपंथियों को ना भूलने वाला झटका लगा है ।