देने पड़ेंगे 60 करोड़ रूपए, उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ डीएमआरसी पहुंची उच्चतम न्यायालय
दिल्ली मेटो रेल कार्पोरेशन र्डीएमआरसीी ने हवाई अड्डा एक्सप्रेस लाइन के लिये कर्ज देने वाले अपने पूर्व कंशेसनेयर को तीन महीने के ब्याज के रूप में 60 करोड रूपए देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश के खिलाफ आज उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की।
डीएमआरसी के वकील ने न्यायमूर्त िपी सी पंत और न्यायमूर्त िदीपक गुप्ता की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया। पीठ ने कहा कि याचिका पर 19 जून को सुनवाई की जायेगी।
कार्पोरेशन ने उच्च न्यायालय की खण्डपीठ के सात जून के आदेश को चुनौती दी है जिसने इस राशि के भुगतान के एकल न्यायाधीश के निर्देश् के खिलाफ उसकी याचिका खारिज कर दी थी।
नहीं बदलेंगे रोज पेट्रोल के दाम, क्योंकि आधे से ज्यादा पंपों में नहीं है सिस्टम ऑटोमेशन
एकल न्यायाधीश ने इस लाइन का शुरू में निर्माण और परिचालन की ठेकेदार कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेटो एक्सप्रेस प्रा र्लि डैम्पेली की याचिका पर 30 मई को अपना अंतरिम आदेश दिया था। एयरपोर्ट मेटो लाइन परियोजना से विवादों के बीच अब हट चुकी अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की इस कंपनी ने अपने पक्ष में एक पंचाट के निर्णय के आधार पर उच्च न्यायालय से 3502 करोड रूपए के यथाशीघ्र भुगतान कराने के आदेश के लिए अनुरोध किया था। यह रशि पंचाट के 4670 करोड रूपए के अवार्ड का 75 फीसदी है जो डीएमआरसी के विरुद्ध इस कंपनी के पक्ष में दिया गया है। पंचाट ने यह अवार्ड 11 मई को दिया था।
खुलासा: लालू यादव के घर पर डॉक्टरों-नर्स की तैनाती, बोले- तेज प्रताप के आदेश को मना नहीं कर सकते
एकल न्यायाधीश ने विाीय शर्तों और डैम्पेल पर बढ़ रहे ब्याज के बोझा के मद्देनजर अपना आदेश पारित किया था। डैम्पेल ने दावा किया था कि वह अपने कर्जदार को 65 लाख रूपए प्रतिदिन के हिसाब से 20 करोड रूपए महीना अदा कर रही है।
मेटो कार्पोरेशन ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष अपनी अपील में अंतरिम आदेश को चुनौती देते हुये कहा था कि यह आदेश तो पंचाट के अवार्ड को आंशिक रूप से लागू करने जैसा ही है। खंडपीठ ने कहा था कि वह एकल न्यायाधीश के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगी और मेटो द्वारा उठाये गये मुद्दे एकल न्यायाधीश ने विचार के लिये खुले रखे हैं।