57 लड़ाकू विमानों की खरीद से पहले हुआ ट्रायल

इंडियन नेवी ने हाल ही में विदेशी लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनियों को आईएनएस विक्रमादित्य पर ट्रायल का आमंत्रण दिया. अपनी नौसैनिक शक्तियों में इजाफा करने के लिए भारतीय नौसेना को 57 लड़ाकू विमान खरीदने हैं. इसके लिए 75 हजार करोड़ की मेगा डील होनी है.  

57 लड़ाकू विमानों की खरीद से पहले हुआ ट्रायल

INS विक्रमादित्य पर ट्रायल

इस 75 हजार करोड़ की मेगा डील में फ्रांसीसी राफेल, स्वीडिश साब सागर ग्रिपेन, रूसी मिग-29 के और अमेरिकी एफ-18 प्रमुख दावेदार हैं. एक वरिष्ठ नेवी सूत्र के मुताबिक  विदेशी कंपनियों को INS विक्रमादित्य पर अपने लड़ाकू विमानों का ट्रायल देने के लिए कहा गया. फ्रांसीसी राफेल और अमेरिकी एफ-18 ने इस ट्रायल में हिस्सा लिया. उन्हें अपने विमानों की और भी खूबियां साबित करने को कहा गया.

कर्नाटक के करवार में हुआ ट्रायल

ये ट्रायल कर्नाटक के करवार में कराया गया. इस मेगा डील के तहत खरीदे जाने वाले 57 नए विमानों को रूस से आयात किए गए 45 मिग 29के समेत INS विक्रमादित्य और कोच्चि के स्वदेशी विमान वाहक पर इस्तेमाल किया जाएगा.

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रूस और पश्चिमी देशों के विमान वाहकों पर विमानों के टेक ऑफ सिस्टम में काफी अंतर होता है. पश्चिमी विमान वाहकों पर विमान स्टीम पॉवर कैटपल्ट से लॉन्च किए जाते हैं, जबकि रूसी प्लेटफॉर्म पर एंगल्ड स्काई-जंप के जरिए विमान टेक ऑफ करते हैं. विमानों के टेक ऑफ के लिए विक्रमादित्य और तैयार हो रहे स्वदेशी विमान वाहकों पर एंगल्ड स्काई-जंप प्रक्रिया का ही इस्तेमाल होता है.

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