50 वर्ष बाद गांव में आई रूपन नदी- ग्रामीणों के साथ पूजा करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री

अजमेर के मानपुरा गांव से बहने वाली रूपा नदी 50 साल बाद मानसून से लबालब भरी। केंद्रीय मंत्री भागीरथ चौधरी ने ग्रामीणों संग पूजा की। नदी के बहाव से क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल, जल संरक्षण व आस्था का प्रतीक बताया।

अजमेर जिले के पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मानपुरा गांव से बहने वाली ऐतिहासिक रूपा (रूपन) नदी इस बार के अच्छे मानसून की वजह से लगभग 50 वर्षों बाद पूरी तरह जल से भर गई है, जिससे पूरे क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल है। स्थानीय निवासी और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने सोमवार को अपने पैतृक गांव मानपुरा पहुँचकर ग्रामीणों के साथ नदी तट पर पूजा-अर्चना की और इस प्राकृतिक चमत्कार को ईश्वर की कृपा और समृद्धि का प्रतीक बताया। इस मौके पर आसपास के गांवों से सैकड़ों ग्रामीण, महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग मौजूद रहे।

चौधरी ने कहा, “रूपा नदी केवल एक जलधारा नहीं, बल्कि हमारे लोकजीवन और परंपराओं की जीवनरेखा है। इसे दशकों बाद भरे हुए देखना आस्था, आनंद और प्रकृति के प्रति जागरूकता का प्रतीक है।”रूपा नदी का उद्गम स्थल अजमेर के कायड़ क्षेत्र के फूलसागर तालाब में है। यह मानपुरा, सलेमाबाद और रूपनगढ़ से होती हुई सांभर झील में समाहित होती है। क्षेत्रवासियों के अनुसार, पिछले 50 वर्षों में यह नदी सूखी पड़ी थी, और अब इसके पुनः प्रवाहित होने को वे प्राकृतिक आशीर्वाद और अच्छे समय का संकेत मान रहे हैं। पूरे इलाके में नदी के बहाव को लेकर हर्ष और उल्लास का माहौल है। स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा, कीर्तन और भजन के साथ ग्रामीणों ने नदी का स्वागत किया। कई जगह जल संरक्षण और पर्यावरण संतुलन को लेकर जागरूकता संदेश भी दिए गए।

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