कम उम्र में ही बच्चों को सिखा दें ये 5 बातें

बच्चे हमारे भविष्य हैं, और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें अच्छे नागरिक बनने के लिए तैयार करें। इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा उन्हें बुनियादी शिष्टाचार सिखाना है। शिष्टाचार न केवल दूसरों के साथ सकारात्मक संबंध बनाने में मदद करता है, बल्कि यह बच्चों के आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को भी बढ़ाता है। इसलिए आज हम यहां आपको 5 ऐसी बातों (5 Basic Manners to Teach Kids) के बारे में बताने वाले हैं, जो हर माता-पिता को अपने बच्चे को सिखानी चाहिए, ताकि वो एक बेहतर इंसान बन सके।

प्लीज और थैंक्यू कहना

“प्लीज” और “थैंक्यू” कहना शिष्टाचार के सबसे बुनियादी नियमों में से एक है। यह दिखाता है कि आप दूसरों की मदद और विचारों की कद्र करते हैं। अपने बच्चों को सिखाएं कि जब भी वे किसी से कुछ मांगें या मदद करें तो “प्लीज” कहें और जब भी वे किसी से कुछ लें तो “थैंक्यू” कहें।

दूसरों का सम्मान करना

दूसरों का सम्मान करना शिष्टाचार का एक महत्वपूर्ण पहलू है। अपने बच्चों को सिखाएं कि हर व्यक्ति अलग-अलग है और उसके अपने विचार और भावनाएं हैं। उन्हें सिखाएं कि दूसरों के विचारों का सम्मान करें और उनके साथ विनम्रता से बात करें।

माफी मांगना

गलती करना इंसान होने का एक पहलू है। अपने बच्चों को सिखाएं कि जब वे गलती करें तो माफी मांगना जरूरी है। उन्हें यह भी सिखाएं कि दूसरों से माफी मांगने का सही तरीका क्या है।

समय का पाबंद होना

समय का पाबंद होना शिष्टाचार का एक महत्वपूर्ण नियम है। अपने बच्चों को समय का महत्व समझाना जरूरी ताकि वो वक्त का पाबंद बनें। उन्हें सिखाएं कि समय पर पहुंचना कितना महत्वपूर्ण है और देर से आने से दूसरों का समय बर्बाद हो सकता है।

दूसरों की मदद करना

दूसरों की मदद करना शिष्टाचार का एक मूल्यवान गुण है। अपने बच्चों को सिखाएं कि दूसरों की मदद करने में खुशी महसूस करें। उन्हें सिखाएं कि छोटी-छोटी चीजें भी किसी के लिए बहुत मायने रख सकती हैं।

बच्चों को ये बातें कम उम्र से ही सिखानी चाहिए, ताकि वो आगे चलकर अपने व्यवहार में इन्हें उतार सकें। इनसे उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी और वो एक अच्छे व्यक्ति बनेंगे।

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