5 Parenting Tricks से बच्चे बनेंगे स्मार्ट और टैलेंटेड

हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा होशियार बने हर क्षेत्र में अच्छा करे और जीवन में सफल हो लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके लिए महज महंगी कोचिंग ही काफी नहीं है? जी हां यहां हम आपको कुछ ऐसे Parenting Tricks बताने जा रहे हैं जिन्हें अपनाने से आप भी अपने बच्चे को इंटेलिजेंट बना सकते हैं।
क्या आप भी अपने बच्चे को दुनिया का सबसे स्मार्ट और टैलेंटेड इंसान बनाना चाहते हैं? क्या आप चाहते हैं कि जब आपका बच्चा किसी से बात करे, तो लोग उसकी समझदारी और हाजिर-जवाबी के कायल हो जाएं?
अक्सर हमें लगता है कि इसके लिए महंगे स्कूल या कोचिंग ही सब कुछ हैं, लेकिन असल में, बच्चे के दिमाग को तेज करने और उसकी छिपी प्रतिभा को बाहर निकालने की चाबी आपके अपने हाथों में है। जी हां, आपकी छोटी-छोटी आदतें और Parenting Tricks आपके बच्चे को इतना होशियार बना सकती हैं कि उसकी मिसाल दूर-दूर तक दी जाएगी।
उन्हें सोचने दें सवालों के जवाब
बच्चे स्वभाव से ही जिज्ञासु होते हैं। वे हर चीज के बारे में जानना चाहते हैं- “ये क्या है?”, “ये कैसे काम करता है?”! जब भी आपका बच्चा कोई सवाल पूछे, तो उसे झट से जवाब देने के बजाय, उसे खुद सोचने का मौका दें। आप उससे पलटकर पूछ सकते हैं, “तुम्हें क्या लगता है?” या “इसके पीछे क्या वजह हो सकती है?” अगर वो अटक जाए, तो उसे सीधे जवाब देने की बजाय, कुछ हिंट दें या उसे सोचने के लिए मोटिवेट करें। इससे उसकी दिमागी कसरत होगी, वो चीजों को गहराई से सोचना सीखेगा और समस्याओं को खुद हल करने की आदत बनेगी।
खेल-खेल में सिखाएं नई चीजें
बच्चों को किताबी बातें अक्सर बोरिंग लगती हैं, लेकिन खेल हमेशा पसंद आते हैं। इस बात का फायदा उठाएं! अगर उसे गिनती सिखानी है, तो उससे सब्जियां गिनवाएं या सीढ़ियां चढ़ते समय गिनतियां बोलें। साइंस पढ़ाना है, तो घर में ही नींबू और बेकिंग सोडा का छोटा-सा ज्वालामुखी बनाकर दिखाएं। बता दें, जब बच्चे खेल-खेल में सीखते हैं, तो उन्हें मजा भी आता है और सीखी हुई बातें उनके दिमाग में हमेशा के लिए बैठ जाती हैं। ऐसा करने से उन्हें लगेगा ही नहीं कि वे पढ़ रहे हैं।
गलतियां से सीखने का दें मौका
हमारा सबसे बड़ा डर होता है कि कहीं हमारा बच्चा गलती न कर दे, लेकिन सच तो यह है कि गलतियां ही सीखने का सबसे बड़ा जरिया होती हैं। अगर बच्चा कुछ बनाते हुए या खेलते हुए कोई गलती करता है, तो उसे तुरंत टोकने या सुधारने की बजाय, उसे खुद गलती पहचानने और ठीक करने का मौका दें। जब वह अपनी गलती से सीखता है, तो वह एक्सपीरिएंस उसके लिए बहुत जरूरी होता है। इससे बच्चे में आत्मविश्वास आता है कि वह अपनी समस्याओं को खुद हल कर सकता है। उन्हें छोटे-मोटे रिस्क लेने दें, तभी वे निडर बनेंगे।
क्रिएटिविटी को दें पंख
आजकल की दुनिया में केवल रट्टा मारकर नंबर लाना काफी नहीं है, बल्कि क्रिएटिविटी और नए आइडियाज बेहद जरूरी हैं। अपने बच्चे को खुलकर चित्रकारी करने दें, मिट्टी या प्ले-डो से कुछ भी बनाने दें या उसे अपनी मनपसंद कहानियां बनाने और सुनाने के लिए कहें। उसे अलग-अलग रंग, आकार और चीजों के साथ खेलने दें। इससे उसकी क्रिएटिविटी बढ़ेगी, वह नए तरीकों से सोचना सीखेगा और फ्यूचर में किसी भी समस्या का अनोखा हल ढूंढ पाएगा।
किताबों और कहानियों से कराएं दोस्ती
स्मार्टफोन और टैबलेट के इस दौर में भी किताबों का कोई मुकाबला नहीं है। अपने बच्चे को बचपन से ही किताबों की दुनिया से दोस्ती कराएं। रोज रात को सोने से पहले उसे कहानियां सुनाएं. उसे अपनी पसंदीदा किताबें चुनने दें और खुद पढ़ने के लिए मोटिवेट करें। किताबें उसकी शब्दावली को बढ़ाएंगी, कल्पना शक्ति को मजबूत करेंगी और उसे दुनिया के बारे में बहुत कुछ सिखाएंगी।