46 साल बाद दमोह कलेक्टर की कुर्सी पर महिला अफसर

दमोह में 46 साल बाद किसी महिला अधिकारी ने कलेक्टर का प्रभार संभाला है। आईएएस मिशा सिंह को 10 दिनों के लिए प्रभारी कलेक्टर नियुक्त किया गया है। इससे पहले 1979 में ताजवर रहमान एकमात्र महिला कलेक्टर रहीं थीं।
दमोह जिले में 46 वर्षों बाद कोई महिला अधिकारी कलेक्टर के रूप में पदस्थ हुई है। भले ही वह प्रभारी के रूप में यहां आई हैं, लेकिन एक नया अध्याय जरूर जुड़ गया है। वर्तमान कलेक्टर के विदेश यात्रा पर जाने के चलते शासन ने उन्हें पदस्थ किया है। दमोह जिले की स्थापना के बाद एक अक्टूबर 1956 को कलेक्टर के रूप में पहली पदस्थापना एसएन रावरा की हुई थी, जो कि एक अक्टूबर 1956 से 14 सितंबर 1958 तक पद पर रहे थे।
उसके बाद लगातार पुरुष अधिकारियों की दमोह में कलेक्टर के रूप में पदस्थापना होती रही। उसके 23 वर्षों बाद दमोह में प्रथम महिला कलेक्टर के रूप में ताजवर रहमान की पदस्थापना सरकार द्वारा की गई थी। उन्होंने 8 जनवरी 1979 को कलेक्टर के रूप में दमोह का प्रभार लिया गया था। सिर्फ 17 महीने पदस्थ रहने के बाद 5 अगस्त 1980 को दमोह से उनका तबादला हो गया था।
उनकी स्थापना दमोह के गठन के बाद 15वें कलेक्टर के रूप में हुई थी, लेकिन उसके बाद अभी तक दमोह जिले में कलेक्टर के रूप में 43 अधिकारियों की पदस्थापना हो चुकी है, जिसमें ताजवर रहमान के अलावा कोई भी महिला कलेक्टर नहीं है। वर्तमान कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के 10 दिन के लिए विदेश यात्रा पर गए हैं, ऐसे में सरकार की ओर से 2016 बैच की आईएएस अधिकारी और जबलपुर में पदस्थ अपर कलेक्टर मिशा सिंह को दमोह का प्रभार सौंपा गया है। ऐसे में 46 वर्षों बाद किसी महिला अधिकारी को कलेक्टर की कुर्सी पर बैठे हुए देखा जा रहा है। भले ही यह कुछ समय के लिए हो।
विकास की अनेक संभावनाएं
कलेक्टर मिशा सिंह से अनौपचारिक चर्चा में कहा गया कि दमोह जिले में कार्य करने के लिए अनेक संभावनाएं हैं, जिससे विकास की अनेक योजनाएं भी संचालित की जा सकती हैं। उन्होंने दमोह में प्रशासनिक रूप से भी अच्छे कार्य करने की बात कही। विगत दो वर्षों से जिला पंचायत जबलपुर की मुख्य कार्यपालन अधिकारी के रूप में सेवाएं दे रहीं मिशा सिंह ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली हैं। उन्होंने कहा कि प्रभार के दौरान ही शासन की जो भी योजनाएं संचालित हैं और जिले से संबंधित जो भी कार्य चल रहे हैं, उन्हें लगातार गति प्रदान कराई जाएगी, जिससे कि किसी भी प्रकार का कोई अवरोध उत्पन्न न हो सके।