महाराष्ट्र की 288 सीटों पर कुल 4,140 उम्मीदवार मैदान में, कोल्हापुर सीट पर कांग्रेस को झटका
नामांकन वापस लेने की समय सीमा सोमवार को समाप्त होने के बाद महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए कुल 4,140 उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि हमें 288 सीटों के लिए 7,078 वैध नामांकन पत्र मिले। इनमें से 2,938 उम्मीदवारों ने नामांकन वापस ले लिया है, जिससे 4,140 उम्मीदवार मैदान में हैं। आगामी चुनाव के लिए 4,140 उम्मीदवारों का आंकड़ा 2019 के विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 3,239 उम्मीदवारों से 28 प्रतिशत अधिक है।
सबसे अधिक 34 प्रत्याशी माजलगांव में
नंदुरबार की शहादा सीट पर सिर्फ तीन उम्मीदवार हैं, जबकि बीड की माजलगांव सीट पर 34 उम्मीदवार हैं। मुंबई की 36 सीटों पर 420 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे, जबकि पुणे जिले की 21 सीटों पर 303 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया समाप्त होने से कोल्हापुर उत्तर सीट पर कांग्रेस को निराशा हाथ लगी, क्योंकि उसकी उम्मीदवार मधुरिमा राजे छत्रपति ने अपना नाम वापस ले लिया, जबकि भाजपा मुंबई के बोरीवली से गोपाल शेट्टी को मनाने में सफल रही।
सदा सरवणकर ने वापस नहीं लिया नामांकन
महायुति के लिए हालांकि सिरदर्द बरकरार रहा, क्योंकि मुंबई के माहिम विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना उम्मीदवार सदा सरवणकर ने पार्टी नेतृत्व के दबाव के बावजूद अपना नाम वापस लेने से इन्कार कर दिया। उनका मुकाबला महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे से होगा। ठाकरे को भाजपा का समर्थन हासिल है जो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की राकांपा के साथ सत्तारूढ़ महायुति में एक घटक है।
मधुरिमा राजे छत्रपति दौड़ से बाहर
कोल्हापुर में, सतेज पाटिल ने मधुरिमा राजे छत्रपति के दौड़ से बाहर होने पर निराशा व्यक्त की। उनके नाम वापस लेने से कांग्रेस पश्चिमी महाराष्ट्र के अपने गढ़ों में से एक में प्रतिनिधित्व के बिना रह गई। नाराज पाटिल ने कहा कि उनमें साहस नहीं था तो उन्हें चुनाव नहीं लड़ना चाहिए था। यह झटका तब लगा जब कांग्रेस ने इस सीट पर अपने पूर्व उम्मीदवार पूर्व पार्षद राजेश लाटकर को बदल दिया और उन्हें नामांकित किया, क्योंकि पार्टी कार्यालय में पूर्व पार्षद के विरोधियों द्वारा तोड़फोड़ की गई थी।
यहां गली कांग्रेस की दाल
मधुरिमा राजे छत्रपति कोल्हापुर सीट से लोकसभा सदस्य और शाही परिवार के सदस्य शाहू छत्रपति की बहू हैं। अहिल्यानगर जिले की शिरडी सीट पर भाजपा उम्मीदवार और राज्य के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल अपने पार्टी सहयोगी राजेंद्र पिपाड़ा को चुनाव न लड़ने के लिए राजी नहीं कर सके। कांग्रेस के मुख्तार शेख ने पुणे के कस्बा पेठ विधानसभा क्षेत्र से नामांकन वापस ले लिया और पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार रवींद्र धांगेकर को समर्थन देने की घोषणा की।
सात बागियों ने नाम लिया वापस
पार्टी पदाधिकारियों ने बताया कि सोमवार को कांग्रेस के सात बागी नेताओं ने अपना नाम वापस ले लिया। इनमें नासिक सेंट्रल से हेमलता पाटिल, भायखला से मधु चव्हाण और नंदुरबार से विश्वनाथ वाल्वी शामिल हैं। देवलाली से शिवसेना उम्मीदवार राजश्री अहेराव और डिंडोरी (जिला नासिक) से धनराज महाले, जो अपने एबी फार्म (पार्टी से मिलने वाला आवश्यक चुनाव दस्तावेज) को विशेष विमान से भेजे जाने के बाद सुर्खियों में आए थे, ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया।
महायुति के सीट बंटवारे के समझौते के तहत आधिकारिक तौर पर सहयोगी अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा को सीट आवंटित किए जाने के बावजूद शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने दोनों को मैदान में उतारा था।
भाजपा पुणे जिले की चिंचवाड़ सीट से बागी नाना काटे को मनाने में रही कामयाब
भाजपा को उस समय राहत मिली जब पूर्व सांसद शेट्टी ने बोरीवली से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन वापस ले लिया और घोषणा की कि वह पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार संजय उपाध्याय का समर्थन करेंगे। भाजपा पुणे जिले की चिंचवाड़ सीट से बागी नाना काटे को मनाने में भी कामयाब रही, जिससे पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार शंकर जगताप का इस सीट पर राकांपा (शरद चंद्र पवार) के राहुल कलाटे के खिलाफ सीधे मुकाबले का रास्ता साफ हो गया है।