गोंडा में ठेका दिलाने के नाम पर 40 लाख की ठगी
- खनन का ठेका दिलाने का झांसा दिया, गोंडा और बाराबंकी के जालसाजों ने अलीगढ़ के ठेकेदार को लगाया चूना
गोंडा. अलीगढ़ के ठेकेदार को खनन का ठेका दिलाने के नाम पर तीन जालसाजों ने उनसे 40 लाख रुपये ठग लिया। आरोपियों ने ठेकेदार व उसके साथी से कई किश्तों में यह रकम ऐंठी लेकिन असली पट्टेदार को रुपये नहीं पहुंचाए।
नतीजा यह हुआ कि ठेकेदार को काम नहीं मिला। इस पर उन्होंने अपने रुपये लौटाने का दबाव बनाया तो | आरोपियों ने धमकाना शुरू कर दिया। इस मामले में ठेकेदार के सहयोगी ने तीनों जालसाजों के खिलाफ गोमतीनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। इंस्पेक्टर त्रिलोकी सिंह ने बताया कि अलीगढ़ के ठेकेदार गुलाम साजिद खनन का काम करते हैं।
गोमतीनगर के विरामखण्ड-3 में रहने वाले उनके मित्र संतोष मिश्रा ठेकेदारी में उनके पार्टनर हैं। कुछ समय पहले संतोष की मुलाकात गोंडा के त्रिभुवन नगर निवासी चंद्रभाल तिवारी उर्फ बड़कन और बाराबंकी के परिक्रमा मिश्रा से हुई। दोनों लोगों ने खनन विभाग में पहुंच होने का हवाला देते हुए उन्हें खनन का ठेका दिलाने की बात कही।
संतोष ने यह बात गुलाम साजिद को बताई। दोनों लोग जालसाजों के झांसे में आ गये। उन्होंने ठेका दिलाने के लिए रजामंदी दे दी। इसके बाद ठगों ने अपना काम शुरू कर दिया। | 14 लाख खाते में, बाकी रकम नगदलीःसंतोष मिश्रा के मुताबिक तीनों जालसाजों ने खनन का ठेका दिलाने के नाम पर उनसे कई बार में 40 लाख रुपये हड़पे। इस रकम में से 10,95,000 रुपये चंद्रभाल तिवारी के खाते में जमा कराये गए। वहीं तीन लाख रुपये अन्य के खाते में जमा हुए। इसके बाद कई किश्तों में नगद रुपये दिए गए।
धीरे धीरे जालसाजों ने गुलाम साजिद व संतोष से 40 लाख रुपये हड़प लिए। एक हफ्ता पहले जालसाजों का भेद खुला तो ठेकेदार व उसके साथी संतोष के पैरों तले जमीन खिसक गई। न तो उन्हें ठेका मिला और न ही रुपये वापस हुए।इससे परेशान संतोष ने गोमतीनगर थाने में तहरीर दी। पुलिस ने चंद्रभाल तिवारी, अनिल तिवारी और परिक्रमा मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
पट्टेदार को दिये सिर्फ 3500 रुपये
संतोष मिश्रा के मुताबिक खनन का ठेका दिलाने के लिए आरोपियों ने उन्हें पट्टेदार जयप्रकाश तिवारी से मिलवाया था। ठेका मिलने में देरी होने पर उन्होंने 21 दिसम्बर को जयप्रकाश तिवारी से संपर्क किया तो | चौंकाने वाला खुलासा हुआ। पता चला कि उनसे लाखों रुपये ऐंठ चुके जालसाजों ने असली पट्टेदार । | जयप्रकाश तिवारी को महज 3500 रुपये ही दिए थे। बाकी रकम इन जालसाजों ने हड़प ली। ठगी का राजफाश होने पर अगले दिन उन्होंने चंद्रभाल तिवारी से संपर्क किया। आरोप है कि चंद्रभाल ने रुपये वापस करने से इनकार करते हुए उन्हें धमकी देकर भगा दिया। पीड़ित का कहना है कि तीनों जालसाजों ने एक गिरोह बनाकर यह काम किया है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से भी शिकायत की है।