नगर पालिका का 40 करोड़ टैक्स बकाया, महज ढाई करोड़ की वसूली, पैसा नहीं आने से रुके विकास कार्य

दमोह जिले में नगर पालिका द्वारा टैक्स वसूली की धीमी रफ्तार के कारण 40 करोड़ 56 लाख रुपए का टैक्स बकाया हो गया है। यह कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन टैक्स वसूली नाममात्र की हो रही है। बीते एक साल के दौरान महज 2 करोड़ 82 लाख रुपए की वसूली हुई है, जो कुल बकाया का मात्र 3.78 प्रतिशत है। टैक्स वसूली की धीमी गति के कारण शहर के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। वहीं, रिकवरी न करने वाले 30 मैदानी कर्मचारियों का वेतन भी रोक दिया गया है।

नगर पालिका द्वारा लोगों से पेयजल, साफ-सफाई, स्ट्रीट लाइट, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के नाम पर टैक्स वसूला जाता है। इसमें संपत्ति कर, समेकित कर, नगरीय विकास उपकर, जलकर सहित अन्य टैक्स शामिल हैं। लेकिन आंकड़े दर्शाते हैं कि नगर पालिका का अमला वसूली को लेकर लापरवाह बना हुआ है। वहीं, अधिकारी कम वसूली के लिए कई कारण बता रहे हैं, जिनमें राजस्व विभाग अमले की कमी, कर्मचारियों द्वारा बिल न बांटना, शासकीय विभागों और बड़े बकायादारों द्वारा टैक्स जमा न करना प्रमुख हैं। वर्तमान में राजस्व अधिकारी, वरिष्ठ राजस्व निरीक्षक और राजस्व उपनिरीक्षक के पद खाली पड़े हैं।

इतना टैक्स है बकाया
संपत्ति कर: 13 करोड़ 52 लाख
समेकित कर: 4 करोड़ 75 लाख
नगरीय विकास उपकर: 3 करोड़ 64 लाख
शिक्षा उपकर: 6 करोड़ 67 लाख
उपभोक्ता प्रभार: 6 करोड़ 46 लाख
जलकर: 2 करोड़ 96 लाख
दुकान किराया: 3 करोड़ 34 लाख

शहर के विकास कार्य ठप
टैक्स वसूली न होने के कारण शहर के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। वर्ष 2017 में शहर में नई पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू हुआ था। नल कनेक्शन के बाद एजेंसी को पूरे शहर में पानी के मीटर लगाना था, लेकिन करीब 80 लाख रुपए का भुगतान न होने के कारण कंपनी ने पानी के मीटर नहीं लगाए। इससे पूरे शहर में पानी की बर्बादी हो रही है। जटाशंकर से जबलपुर नाका तक बनने वाली मॉडल सड़क का काम भी पिछले तीन साल से अटका हुआ है। बजरिया वार्ड नंबर 6 और सिविल वार्ड नंबर 2 में सीसी रोड, नालियों के निर्माण सहित अन्य विकास कार्य भी ठप पड़े हैं।

30 से अधिक दुकानों को सील किया
नगर पालिका द्वारा टैक्स वसूली बढ़ाने के लिए हाल ही में 30 से अधिक दुकानों को सील किया गया था, जिससे 70 लाख रुपए की तत्काल वसूली हुई। बकायादारों के खिलाफ कुर्की वारंट जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। शासकीय कार्यालयों पर बकाया टैक्स वसूलने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। सभी वार्ड मुहर्ररों को माहवार लक्ष्य निर्धारित कर दिए गए हैं।

टैक्स वसूली में आ रही यह समस्याएं
नगर पालिका अधिकारियों का कहना है कि वसूली में कई तरह की परेशानियां आ रही हैं। बड़े बकायादार और शासकीय विभाग अपने रुतबे का इस्तेमाल कर कर्मचारियों को खाली हाथ लौटा देते हैं। इसके अलावा, कर्मचारियों द्वारा टैक्स वसूली के बिल सही तरीके से नहीं बनाए जा रहे हैं। जांच में पाया गया कि एक कर्मचारी ने 6 लाख रुपए टैक्स की जगह केवल 1 लाख 33 हजार रुपए का बिल बनाया। ऐसी लापरवाही के कारण बकाया टैक्स बढ़ता जा रहा है।

संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी किए जा रहे
नगर पालिका सीएमओ प्रदीप शर्मा ने कहा कि बकायादारों की संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी किए जा रहे हैं। हाल ही में दुकानों को सील किया गया था, जिससे बकाया वसूली बढ़ी है। अगले महीने से वार्डों में शिविर लगाए जाएंगे। वसूली की धीमी गति के चलते राजस्व विभाग के कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है। राजस्व अधिकारी और वरिष्ठ राजस्व निरीक्षक के पद भरने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। धीरे-धीरे वसूली में सुधार हो रहा है।

Back to top button