40 साल बाद कनिष्क हादसे के मुख्य संदिग्ध की पहचान

एअर इंडिया की उड़ान संख्या 182 कनिष्क में बम विस्फोट के लगभग 40 साल बाद इससे जुड़ी एक बड़ी जानकारी सामने आई है। इस मामले को लेकर कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने उस गुमनाम व्यक्ति की पहचान कर ली है, जिसने उड़ान से कुछ हफ्ते पहले बम का निरीक्षण किया था। हालांकि, उस व्यक्ति का नाम बताने से इनकार कर दिया गया है।

दरअसल, 23 जून, 1985 को आयरलैंड के तट पर कनिष्क विमान में बम लगा होने के कारण विस्फोट हो गया था। इस विमान धमाके में 329 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इस भीषण त्रासदी के 40 साल पूरे होने जा रहे हैं।

मिस्टर एक्स की हो गई पहचान
बता दें कि आरसीएमपी के सहायक आयुक्त डेविड टेबोल ने वैंकूवर सन से बातचीत में खुलासा किया कि मिस्टर एक्स की पहचान कर ली गई है। उन्होंने दावा किया की उसकी मृत्यु हो गई है। यही वजह है कि उसका नाम गोपनीयता कानूनों के तहत उजागर नहीं किया जाएगा। बता दें कि टेबोल आयरलैंड में एक कनाडाई प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे थे।

आरसीएमपी ने कहा है कि खालिस्तानी आतंकवादी हमले की जांच अभी भी जारी है, टेबौल ने स्वीकार किया कि इस मामले को एक और मुकदमे में ले जाने की बहुत कम वास्तविक संभावना है।

घटना में क्या रहा मिस्टर एक्स का हाथ
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, आरसीएमपी ने बताया कि मिस्टर एक्स 4 जून 1985 को एअर इंडिया बम कांड के मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार के साथ ब्रिटिश कोलंबिया के डंकन नाम इलाके में गया था। यहीं दोनों ने इलेक्ट्रिशियन इंदरजीत सिंह रियात के साथ मिलकर जंगलों में बम परीक्षण किया। बताया जाता है कि इस परीक्षण की आवाज को कनाडा की खुफिया एजेंसी सीएसआईएस के एजेंट्स ने सुना था। हालांकि, उन्होंने इस आवाज को नजअंदाज कर दिया था। उन्हें लगा ये गोली की आवाज है।

पूर्व पुलिस प्रमुख काश हीड ने क्या कहा?
मिस्टर एक्स की पहचान पर प्रतिक्रिया देते हुए वेस्ट वैंकूवर के पूर्व पुलिस प्रमुख काश हीड ने कहा कि पिछले 40 वर्षों में इस जांच के सामने आने के तरीके के प्रति मेरे मन में यही तिरस्कार है। इससे परिवारों और समुदायों की निराशा और बढ़ गई है।

इसके अलावा उन्होंने पूछा कि क्या पीड़ितों की त्वचा का रंग अलग होता तो भी उनके साथ ऐसा ही व्यवहार होता? क्या हमारे पास अभी भी गुप्त जानकारी है? ब्रिटिश कोलंबिया में सॉलिसिटर जनरल रह चुके हीड ने एक और मुकदमा होने के बारे में बयान देते हुए उन्होंने कहा कि मेरे दृष्टिकोण से आप देखेंगे कि जांच के लिए बहुत सीमित संसाधन ही लगाए जाएंगे।

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