40 वर्ष पहले जो सपना देखा था, वह अब हुआ पूरा….

नहर के लिए जमीन देने के बावजूद पानी की सुविधा न मिलने से मायूस किसानों के लिए ये महीना खुशियों की सौगात लाया है। सरयू नहर परियोजना के दस रजवाहों में पहली बार पानी की आपूर्ति शुरू की गई है। किसानों ने नहर के पानी से फसलों की सिचाई शुरू कर दी है। मामला रुपईडीह क्षेत्र का है। यहां के किसानों ने 40 वर्ष पहले जो सपना देखा था, वह अब पूरा हुआ।

सिचाई विभाग ने किसानों के खेतों तक पानी की सुविधा पहुंचाने के लिए 1978 में सरयू नहर परियोजना शुरू की थी। ये योजना गोंडा समेत 14 जिलों में शुरू की गई थी। परियोजना के लिए किसानों से जमीन अधिग्रहण की कवायद शुरू तो कर दी गई लेकिन, विरोध के चलते निर्माण कार्य समय से शुरू नहीं हो सका। कुछ वर्ष पूर्व इस परियोजना को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय परियोजना में शामिल कर लिया था, इसके बाद कार्य को पूरा करने में तेजी आई। गत वर्ष सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभाग की तीन अहम परियोजनाओं के लिए 2054 करोड़ रुपये का बजट आवंटित करते हुए अफसरों को 2019 में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए थे। अधिशासी अभियंता सरयू नहर खंड-चार दिनेश मोहन का कहना है कि दस रजवाहे में पहली बार पानी की आपूर्ति इस महीने शुरू की गई है। अधूरे अन्य रजवाहे में भी कार्य तेजी से कराया जा रहा है।

इनसेट

किसान बोले : खेती में होगा फायदा

-कौड़िया, रुपईडीह, चिलबिला, पंडरी, गिलौली, राजापुर, कल्याणपुर, बेनीपुर, नकी, बभनान, सोनौलीमोहम्मदपुर रजवाहे में पहली बार पानी आपूर्ति शुरू हुई है। रुकमंगदपुर के किसान हजारीलाल, कल्याणपुर के फारुक, पठानपुरवा के रईस व गौसिहा के जसवंत ने नहरों में पानी पहुंचने पर खुशी जताते हुए कहा कि 40 साल पुराना सपना अब पूरा हुआ है। डीजल का मूल्य अधिक होने से सिचाई में दिक्कत हो रही थी। पानी आने से गन्ने की सिचाई की जा रही है, धान की खेती में भी फायदा होगा।

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