351 रजिस्ट्री दफ्तरों में छांगुर की जमीन की जांच, इन नामों की रजिस्ट्री पर नजर

यूपी के 351 रजिस्ट्री दफ्तरों में धर्मांतरण के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर की जमीन की जांच की जा रही है। छांगुर व उसके 13 करीबियों के नाम और पते की सूची प्रदेश के सभी रजिस्ट्री दफ्तरों को भेजी गई है। संबंधित नामों से हुए बैनामों का ब्योरा मांगा गया है।

जमालुद्दीन उर्फ छांगुर ने प्रदेश के प्रमुख जिलों में अवैध धर्मांतरण का अड्डा बनाने की रणनीति बनाई थी। इसके लिए वह देवीपाटन मंडल को केंद्र बना रहा था, जिसके तहत जमीनों की खरीद के लिए एक टीम बनाई थी। एटीएस व ईडी की जांच में यह राज सामने आने के बाद छांगुर व उसके 13 करीबियों के नाम और पते की सूची प्रदेश के सभी रजिस्ट्री दफ्तरों को भेजी गई है। संबंधित नामों से हुए बैनामों का ब्योरा मांगा गया है।

छांगुर अवैध धर्मांतरण से मिलने वाले विदेशी फंड को खपाने के लिए जमीन का कारोबार शुरू किया था। आशंका है कि वह अपना जाल प्रदेश के सभी जिलों में फैला रहा था। जमीनें कहां खरीदीं और बेची गईं, इसका ब्योरा रजिस्ट्री कार्यालयों से ही मिल सकता है।

एटीएस व ईडी दोनों की जांच में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि छांगुर अपने सहयोगियों के नाम से जमीन खरीद रहा था। छांगुर कॉम्प्लेक्स व कोठी का निर्माण कराकर धर्मांतरण की मुहिम तेज कर रहा था। एटीएस ने यह भी आशंका जताई है कि अन्य प्रदेशों में भी वह जमीन खरीद रहा था। मुंबई और नागपुर में जमीन के सौदे की बात सामने भी आ चुकी है। अब रजिस्ट्री दफ्तरों से बड़े खुलासे की उम्मीद है।

इन नामों की रजिस्ट्री पर नजर
उपनिबंधक कार्यालयों को 13 नामों की सूची भेजी गई है। इनमें मधपुर उतरौला के जमालुद्दीन शाह उर्फ छांगुर, महबूब, नीतू उर्फ नसरीन, समाले नवीन रोहरा उर्फ सबीहा, नवीन उर्फ जमालुद्दीन, रेहरा माफी गांव के मोहम्मद सबरोज, रशीद, गोंडा के रेतवागाड़ा के रमजान, नागपुर के इदुल इस्लाम, बड़ा धुसाह के राजेश उपाध्याय, संगीता देवी उपाध्याय व अपना घर के प्रोपराइटर बाबू उर्फ वलीउद्दीन के नाम शामिल हैं।

उतरौला में छांगुर की जमीन पर प्लॉटिंग पर रोक
बलरामपुर के उतरौला में छांगुर ने प्लॉटिंग का काम शुरू किया था। जमीनों को खरीदकर सीधे एग्रीमेंट से प्लॉटों की बिक्री करके मोटा मुनाफा कमा रहा था। अब प्रशासन ने उतरौला में छांगुर की ओर से कराई जा रही प्लॉटिंग पर रोक लगा दी है।

राजस्व नियमों के तहत किसी भी जमीन की बिक्री आवासीय प्लॉट के रूप में तभी हो सकती है, जब धारा 80 के तहत प्लॉट को आबादी जाए। इसके विपरीत बड़े पैमाने पर जमीनों को बिना आबादी में परिवर्तित कराए ही बिक्री की जा रही थी। इसमें नवीन और उसके बेटे महबूब सीधे तौर पर शामिल थे। इसके तहत दोनों ने उतरौला कस्बे में प्लॉटिंग के साथ ही आसपास के गावों में जमीन खरीदी थी।

प्रशासन ने उतरौला में प्लॉटिंग पर रोक लगा दी है। ऐसे प्लॉटों का सर्वे भी शुरू कराया है, जिसमें नीतू, नवीन, छांगुर व महबूब सीधे तौर पर जुड़े थे। एसडीएम एसपी प्रजापति ने बताया कि राजस्व नियमों के तहत कार्रवाई की जा रही है।

छांगुर के खिलाफ गैंगस्टर की तैयारी
छांगुर के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई होनी है। अभी पुलिस एटीएस और ईडी की जांच पर नजर रखे है। जांच में नए नाम भी निकल कर आ रहे हैं। ऐसे में गैंग की सूची बनाने में बदलाव हो रहा है। अभी तक एटीएस ने 18 लोगों के नाम शामिल होने की पुष्टि की है, लेकिन जिस तरह मामला पूरे प्रदेश में फैल रहा है उससे और नामों के उजागर होने की आशंका है। पूरी रिपोर्ट के बाद ही गैंगस्टर की कार्रवाई होगी। एसपी विकास कुमार ने बताया कि एटीएस की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

सबरोज और शहाबुद्दीन ने भी छांगुर के सहयोग से जुटाई संपत्ति
छांगुर के भतीजे सबरोज और साले के बेटे शहाबुद्दीन ने भी कई संपत्तियां जुटाई थीं। राजस्व टीम की जांच में सरकारी जमीनों पर कब्जे का मामला सामने आ चुका है। एसडीएम ने बताया कि टीम ने रेहरामाफी गांव में जांच की है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। छांगुर ने अवैध धर्मांतरण से कमाई शुरू की।

विदेश से फंड मिलने लगा। तब उसके सबसे खास रहे सबरोज और शाहबुद्दीन ने रशीद के साथ मिलकर आजमगढ़ में अवैध धर्मांतरण शुरू कराया। इससे मोटी कमाई की और रेहरामाफी में सरकारी जमीनों पर निगाहें जमा दीं।

हाल ही में हुई जांच में यह बात सामने आई है कि दोनों ने संपत्तियां बनाने में सरकारी जमीन कब्जा की है। अब तहसील प्रशासन ने इसकी कार्रवाई शुरू कर दी है। देर सबेर दोनों के सरकारी जमीन पर बने कमरों को ढहाया जा सकता है। फिलहाल अभी राजस्व टीम जांच कर रही है।

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