31 अगस्त या 01 सितंबर? कब है भगवान श्रीकृष्ण की छठी

हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। सनातन धर्म में बच्चे के जन्म के 6 दिन बाद छठी मनाई जाती है। ठीक इसी प्रकार से भगवान श्रीकृष्ण की छठी मनाई जाती है। भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों को इस पर्व के लिए सजाया जाता है और बेहद उत्साह के साथ भगवान श्रीकृष्ण की छठी (Krishna Chhathi 2024) मनाई जाती है। इस वर्ष कुछ लोगों में भगवान श्रीकृष्ण की छठी की डेट को लेकर असमंजस की स्थिति बन रही है। ऐसे में आइए जानते हैं इस पर्व की सही डेट और अन्य जानकारी के बारे में।

कब है भगवान श्रीकृष्ण की छठी (Krishna Chhathi 2024 Date)

वर्ष 2024 में जन्माष्टमी के त्योहार को 26 अगस्त को मनाया गया। इसके बाद 6 दिन बाद भगवान श्रीकृष्ण की छठी मनाने का रिवाज है। ऐसे में इस वर्ष श्रीकृष्ण की छठी 01 सितंबर को पड़ रही है।

जरूर करें ये कार्य

इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान कर घर और मंदिर की विशेष साफ-सफाई करें। इसके बाद कान्हा जी का अभिषेक करें और वस्त्र पहनाएं। साथ ही विशेष श्रृंगार करें। इसके बाद दीपक जलाकर आरती करें और प्रभु के मंत्रों का जप करें। इसके बाद कढ़ी चावल, फल, मिठाई और खीर समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। भोग में तुलसी के पत्ते शामिल करना न भूलें। ऐसा माना जाता है कि भोग थाली में तुलसी के पत्ते शामिल न करने से प्रभु भोग को स्वीकार नहीं करते हैं।

क्यों मनाते हैं छठी?

सनातन धर्म की परंपरा के अनुसार, छठी के दिन षष्ठी देवी की विशेष पूजा-अर्चना करने का विधान है। बच्चे की रक्षक के लिए छठी मनाई जाती है।

इन चीजों का लगाएं भोग

इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के दौरान पंचामृत का भोग जरूर लगाएं। माना जाता है कि इसका भोग लगाने से कान्हा जी की साधक और उसके परिवार पर दया दृष्टि बनी रहेगी। इसके अलावा भोग में माखन मिश्री भी शामिल करें।

भोग लगाते समय इस मंत्र का करें जाप

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

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