30वीं वाहिनी पीएसी का है गौरवशाली इतिहास : त्रिभुवन सिंह

30वीं वाहिनी पीएसी का 54वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत वाहिनी बैंड की सुमधुर धुनों के प्रस्तुतिकरण से हुई। सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ सेनानायक ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम में वाहिनी के जवानों द्वारा शानदार प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम देर रात तक चलता रहा।

सेनानायक त्रिभुवन सिंह ने वाहिनी के गौरवशाली इतिहास का जिक्र करते हुए बताया कि साल 2001 में संसद में हुए हमले को निष्फल करने में वाहिनी के जवानों ने अहम भूमिका निभाई थी। साल 2005 में अयोध्या में राम जन्मभूमि पर हुए हमले को भी 30वीं वाहिनी पीएसी के जवानों ने विफल किया था। सेनानायक ने मलखंभ प्रतियोगिता 2024 में उपविजेता रही वाहिनी टीम के सभी खिलाड़ियों को बधाई देते हुए सम्मानित किया।

इस अवसर पर वाहिनी आरटीसी हाॅल में आपसी सौहार्द, समन्वय व एकता की भावना एवं मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से बड़े खाने (भोज) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी राधेश्याम राय तथा पीएसी के उपसेनानायक श्रीपाल यादव भी सम्मिलित हुए। आयोजन को सफल बनाने में प्रभारी शिविरपाल राघवेंद्र, सूबेदार मेजर मनीष कुमार जायसवाल, दलनायक कर्तव्य दल रणविजय सिंह, आरटीसी प्रभारी आलोक त्रिपाठी, प्रभारी सांकृतिक प्रकोष्ठ पीसी प्रेमचंद राजभर, मुख्य आरक्षी शत्रुघ्न शर्मा, मुख्य आरक्षी वकील गुप्ता तथा आरक्षी बलिराम का विशेष योगदान रहा।

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