इस रेसलर को दूसरे देश से खेलने के लिए मिला 3 Cr का ऑफर…

आगरा. यूपी के रेसलर सुमित इंडिया को ओलिंपिक गोल्ड मेडल दिलाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए वो अमेरिका में स्पेशल ट्रेनिंग लेना चाहते हैं, लेकिन इसमें उनकी आर्थिक स्थिति रोड़ा बनी हुई है। उनका कहना है कि उन्हें सिर्फ अमेरिका पहुंचने के लिए ढाई लाख रुपए की दरकार है। वहां पहुंचकर वे अपने रहने-खाने और ट्रेनिंग का इंतजाम छोटी-मोटी नौकरी करके कर लेंगे। इसके लिए उन्होंने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपील की। इस रेसलर को दूसरे देश से खेलने के लिए मिला 3 Cr का ऑफर...

थाइलैंड से मिला है 3 करोड़ का ऑफर… 

– सुमित इसी साल जनवरी में थाइलैंड ट्रेनिंग के लिए गए थे। वहां उनके कोच ने उनके सामने कबड्डी में हाथ आजमाने का ऑफर रखा है।
– सुमित ने बताया, “थाइलैंड के कोच ने मुझसे कहा कि तुम हमारी कंट्री के लिए कबड्डी वर्ल्ड कप में पार्टिसिपेट करो। इसके बदले हम आपको अमेरिका में ट्रेनिंग के लिए 3 करोड़ रुपए तक की स्पॉन्सरशिप देंगे। लेकिन मैंने उनका ऑफर ठुकरा दिया। मैं सिर्फ अपने देश के लिए खेलना चाहता हूं, फिर चाहे वो रेसलिंग हो या कबड्डी।”
– इनका टारगेट 2024 में होने वाले पेरिस ओलिंपिक में इंडिया के लिए रेसलिंग में गोल्ड मेडल जीतना है। इसी के लिए वे अमेरिका में ट्रेनिंग करना चाहते हैं।

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इंटरनेशनल रेसलर हैं सुमित, जीत चुके हैं गोल्ड

– सुमित 12 साल की उम्र से रेसलिंग कर रहे हैं। 7 साल के करियर में वे नेशनल गेम्स में एक गोल्ड समेत 4 मेडल जीत चुके हैं। 
– 6-10 सितंबर को अमेरिका में हुए 11वें वर्ल्ड मार्शल आर्ट्स गेम्स में सुमित ने ग्रैपलिंग रेसलिंग कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता।

स्पेशल ट्रेनिंग के लिए है ढाई लाख की जरूरत

– इनका कहना है कि अमेरिका में होने वाली फ्री स्टाइल रेसलिंग में वर्ल्ड के बेस्ट रेसलर पार्टिसिपेट करते हैं। इसके लिए ट्रेनिंग अमेरिका के लिंकन शहर में स्थित नेब्रेस्का रेसलिंग ट्रेनिंग सेंटर में होती है।
– अपने करियर को नेक्स्ट लेवल पर पहुंचाने के लिए वो अमेरिकन रेसलर जॉर्डन से ट्रेनिंग लेना चाहते हैं। 6 महीने की ट्रेनिंग के लिए उन्हें ढाई लाख रुपए की जरूरत है, जिसके लिए वो स्पॉन्सर्स की तलाश कर रहे हैं। वे नेताओं और बड़े समाज सेवी संस्थानों से बात कर चुके हैं, लेकिन कहीं से पॉजिटिव रिस्पॉन्स नहीं मिल सका। 

पिता बेचते हैं दूध, आर्मी में हैं सुमित

– सुमित बताते हैं, “मेरे पिता आगरा में दूध बेचते हैं। उन्होंने बहुत मुश्किलों से मुझे इस मुकाम तक पहुंचाया है। मेरा भाई इंडियन आर्मी में है। वो नेशनल लेवल का एथलीट भी है।” 
– स्पोर्ट्स कोटे से सुमित को आर्मी में नौकरी मिली हुई है। रेसलिंग के लिए फिटनेस मेंटेन रखने के लिए उन्हें डेली खुद पर एक हजार रुपए तक खर्च करने पड़ते हैं।

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