2AC में सीट छोड़ने से किया इंकार, तो आंटी ने बेटी को लगाई कॉल…

दरअसल उस युवक ने रेडिट पर लिखा कि जब वह ट्रेन में अपनी साइड लोअर बर्थ पर पहुंचा तो वहां पहले से ही एक पंजाबी फैमिली बैठी हुई थी। परिवार में चार बुजुर्ग लोग थे। युवक ने आराम से कहा कि यह उसकी सीट है, लेकिन फैमिली ने बिना देर किए उससे उसका टिकट दिखाने को कह दिया।
ट्रेन में सीट को लेकर झगड़े तो आपने अक्सर देखे होंगे। कोई अपनी बर्थ छोड़ने को तैयार नहीं होता, तो कोई पूरे ग्रुप को साथ बैठाने के चक्कर में बहस करने लगता है। लेकिन हाल ही में सामने आया एक मामला सोशल मीडिया पर इतना वायरल हो गया कि लोगों के बीच इमोशन बनाम नियम की जंग छिड़ गई। यह मामला सिंगरौली-हजरत निजामुद्दीन ऊर्जाधनी एक्सप्रेस का है, जिसमें एक युवक के साथ ऐसा अनुभव हुआ जिसे उसने रेडिट पर शेयर किया और देखते ही देखते पोस्ट पर सैकड़ों कमेंट्स की बौछार शुरू हो गई। तो आइए जानते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
दरअसल उस युवक ने रेडिट पर लिखा कि जब वह ट्रेन में अपनी साइड लोअर बर्थ पर पहुंचा तो वहां पहले से ही एक पंजाबी फैमिली बैठी हुई थी। परिवार में चार बुजुर्ग लोग थे। युवक ने आराम से कहा कि यह उसकी सीट है, लेकिन फैमिली ने बिना देर किए उससे उसका टिकट दिखाने को कह दिया। युवक ने सभ्यता से अपना एसएमएस टिकट दिखाया ताकि किसी को शक न रहे। लेकिन तभी फैमिली ने इमोशनल कार्ड खेलते हुए कहा, “बेटा, तू अपनी सीट छोड़ दे ना। हम सब साथ बैठ जाएंगे।”
युवक ने सीट देने से किया मना
युवक ने साफ मना कर दिया। उसने कहा, “मुझे माफ कीजिए, लेकिन मैं सीट नहीं बदलूंगा।” बस, फिर क्या था। माहौल थोड़ा तनावपूर्ण हो गया। फैमिली के चेहरे ऐसे हो गए जैसे युवक ने कोई बड़ा अपराध कर दिया हो। युवक ने लिखा कि वो झगड़ा नहीं चाहता था, इसलिए चुपचाप बैठ गया। लेकिन थोड़ी देर बाद उसने सुना कि फैमिली की एक आंटी अपनी बेटी से फोन पर बात कर रही थी और उसके बारे में बुरा-भला कह रही थी। कुछ गालियां तो उसे समझ में भी आ गईं।
आंटी ने गालियां देनी की शुरू
इस पूरे वाकये के बाद युवक ने पोस्ट के आखिर में सवाल किया, “क्या मैंने सीट न बदलकर गलत किया?” बस, यही सवाल लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया। रेडिट पर यह पोस्ट indianrailways नाम के पेज पर शेयर की गई थी और कैप्शन था, “क्या मैं अपनी सीट न बदलकर गलत था?”
लोगों ने वीडियो पर किए ऐसे कमेंट्स
कुछ ही घंटों में पोस्ट को 1500 से ज्यादा अपवोट्स और 300 से अधिक कमेंट्स मिल गए। यूजर्स की राय बंटी हुई थी। एक यूजर ने लिखा, “तुम्हें टिकट दिखाने की जरूरत ही नहीं थी, ट्रेन में सिर्फ टीटीई को ही टिकट देखने का हक होता है।” दूसरे यूजर ने कहा, “बुजुर्ग लोग कई बार कन्फ्यूज हो जाते हैं, लेकिन किसी को भी सीट बदलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।” वहीं तीसरे ने युवक का समर्थन करते हुए लिखा, “तुमने बिलकुल सही किया, किसी को तुम्हें इमोशनली ब्लैकमेल करने का हक नहीं है।”





