पिटकुल में 26 करोड़ के टेंडर घपले में शासन ने  उठाया ये बड़ा कदम, जानें क्या

पिटकुल में 26 करोड़ के टेंडर घपले में शासन ने बड़ा कदम उठाते हुए यूपीसीएल के एमडी अनिल यादव और निदेशक परियोजना अजय अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एक सप्ताह के भीतर जवाब देने की सख्त हिदायत दी है। तीन अलग अलग कंपनियों की ओर से पूल करते हुए 26 करोड़ का टेंडर लिया गया था।

इस फर्जीवाड़े पर पिटकुल मैनेजमेंट की ओर से शनिवार को ही मुकदमा दर्ज कराया गया। पिटकुल प्रबंधन की इस कार्रवाई पर तत्काल हरकत में आते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए। सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से रविवार को ही सचिवालय में ऑफिस खुलवा कर नोटिस जारी किए गए।

एमडी अनिल यादव टेंडर प्रक्रिया के समय मुख्य अभियंता क्रय एवं अनुबंध और निदेशक प्रोजेक्ट अजय अग्रवाल उस दौरान पिटकुल में अधीक्षण अभियंता क्रय एवं अनुबंध थे। शासन ने नोटिस जारी करते हुए दो टूक पूछा है कि क्यों टेंडर प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं किया गया।  

कांग्रेस शासन में हुआ था विवादित टेंडर
पिटकुल में 26 करोड़ का विवादित टेंडर कांग्रेस शासन में हुआ था। इसी टेंडर में 18 करोड़ अतिरिक्त की मांग हुई। 2016 से 2022 तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब इस घपले को न सिर्फ बाहर लाया गया, बल्कि कार्रवाई करते हुए केस दर्ज कराया गया। 

कंपनी की बैंक गारंटी भी कराई कैश
पिटकुल मैनेजमेंट ने टेंडर घपले में शामिल सभी कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है। कंपनी की 2.6 करोड़ की बैंक गारंटी भी कैश करा ली है। एमडी पिटकुल पीसी ध्यानी ने बताया कि सीएम के संकल्प के तहत ही कार्रवाई की गई है।

अब अतिरिक्त भुगतान को भी बना रहे दबाव 
टेंडर घपले में आरोपी बनाई गई कंपनी की ओर से 18 करोड़ के अतिरिक्त भुगतान की मांग की जा रही है। आर्बिटेशन में केस चल रहा है। पिटकुल के ही कुछ अफसरों ने मैनेजमेंट पर कंपनी को लाभ पहुंचाने के गंभीर आरोप भी लगाए थे। ताकि आर्बिटेशन में कंपनी को लाभ मिले। 

टेंडर पूल मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। योजनाओं में इस तरह की गड़बड़ी को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार का रुख सख्त है। एमडी, निदेशक को नोटिस जारी कर पहले जवाब मांगा गया है। कहीं भी गड़बड़ी पुष्ट हुई, तो कार्रवाई तय है।  

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